-पीएम मोदी ने अबु धाबी में हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया
यूएई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के यूएई दौरे पर हैं। यहां अबु धाबी में उन्होंने 27 एकड़ में फैले पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। मोदी मंदिर में मौजूद मूर्तियों की पूजा कर रहे हैं। मंदिर को बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था यानी बीएपीएस ने बनाया है। इसकी लागत 700 करोड़ रुपए आई है। मोदी 13 जनवरी को दुबई पहुंचे थे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति जायद अल नाहयान से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। मोदी ने भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया। 65 हजार भारतीयों से कहा राष्ट्रपति नाहयान ने मंदिर के प्रस्ताव को बगैर एक पल भी गंवाए हां कह दिया। उन्होंने मुझसे यह तक कह दिया था कि जिस जमीन पर आप लकीर खींच देंगे, मैं वो आपको दे दूंगा। यूएई में हिंदू मंदिर के उद्घाटन के बाद यहां वैश्विक आरती की गई। इसे वैश्विक आरती कहा गया क्योंकि इसी समय पर यूएई के साथ भारत और कई दूसरे देशों के बीएपीएस मंदिरों में भी आरती की गई। वॉल ऑफ हारमनी यूएई की सबसे बड़ी 3-D प्रिंटेड दीवार है।ये 45 मीटर लंबी और 4.5 मीटर ऊंची है। इस दीवार पर विश्व के 26 स्मारकों को दिखाया गया है। इसमें फ्रांस का एफिल टावर, भारत का स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और अमेरिका का स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी शामिल हैं। इससे पूरी दुनिया एक है का मैसेज दिया गया है। मंदिर परिसर में BAPS संस्था के संतों और स्वामी ईश्वर चरण दास ने मोदी का स्वागत किया। इस दौरान मोदी ने मंदिर परिसर का जायजा लिया। वो वॉल ऑफ हारमनी के सामने कई अधिकारियों और संतों से मिले। मोदी अबु धाबी में हिंदू मंदिर के उद्घाटन के लिए मंदिर प्रांगण में पहुंच चुके हैं। यहां उन्होंने महंतों के मुलाकात की। बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार भी यूएई में हिंदू मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने के लिए अबु धाबी पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम को यूएई के पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे। इसके पहले मंदिर के बाहर उद्घाटन का इंतजार करते लोगों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। मोदी ने इनोवेटिव मार्केट प्लेस ‘भारत मार्ट’ का वर्चुअल उद्घाटन किया। इसका उद्देश्‍य भारतीय उत्‍पादों को वैश्विक स्‍तर पर लाना और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध बढ़ाना है। इस दौरान उनके साथ यूएई के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम मौजूद रहे। मोदी ने कहा हमें डेवलपिंग वर्ल्ड की चिंताओं को दूर करते हुए ग्लोबल साउथ को प्राथमिकता देनी होगी। उनकी आवाज सुननी होगी। जरूरतमंद देशों की मदद करनी होगी। मोदी ने कहा भारत ने विश्व को एक नया मार्ग सुझाया है, जिस पर चलते हुए हम पर्यावरण की बहुत मदद कर सकते हैं। ये मार्ग है मिशन लाइफ यानी लाइफस्टाइल फॉर एन्वायर्नमेंट का। ये मिशन प्रो-प्लैनेट पीपुल का रास्ता दिखाता है। मोदी ने कहा एक तरफ घरेलू चिंताएं हैं तो दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था अस्त-व्यस्त नजर आ रही है। इन चुनौतियों के बीच वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट की अहमियत बहुत बढ़ गई है। हम टॉप-डाउन और बॉटम-अप अप्रोच के साथ-साथ पूरे समाज को साथ रखने की अप्रोच को लेकर भी चले हैं। भारत ने हाल के दिनों में एक बड़ा बदलाव देखा है। स्वच्छता अभियान हो, डिजिटल साक्षरता अभियान हो या बालिका शिक्षा अभियान, ऐसे हर बड़े लक्ष्य की सफलता जन-भागीदारी से ही सुनिश्चित हुई है। हम विश्व बंधुत्व को भी बढ़ावा देंगे। भारत इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है। जी-20 में भी हमने इसी भावना को आगे बढ़ाया। हम सभी के पास गवर्नेंस को लेकर अनुभव हैं। हमें साथ मिलकर काम करना है, एक-दूसरे से सीखना है। मोदी ने कहा क्लाइमेट चेंज से डील करने की भारत की अपनी अप्रोच है। भारत आज सोलर, ग्रीन और हाइड्रोजन के साथ बायो फ्यूल पर काम कर रहा है। हमारी संस्कृति सिखाती है कि प्रकृति से जितना मिला है, उतना लौटाना भी चाहिए। आज हर सरकार के सामने बहुत से सवाल हैं। हम अपने देश की सोवर्निटी (संप्रभुता) को कैसे बनाए रखें। हम अपने कल्चर को समृद्ध कैसे करें। हम डिजिटल तकनीकों का फायदा लेते हुए उसके नुकसानों से कैसे निपटें। हम वैश्विक शांति के लिए आतंकवाद का मुकाबला कैसे करें। ये सारे सवाल हमारे सामने हैं। मोदी ने कहा भारत में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको-सिस्टम है। सबका साथ सबका विकास मंत्र पर काम किया जा रहा है। इस बात पर फोकस दिया जा रहा है कि सरकार की योजनाओं का हर किसी को फायदा मिले। इसमें कोई भेदभाव या भ्रष्टाचार न हो। हमने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। जब सरकारें पारदर्शिता को प्राथमिकता देती है तो इसके सकारात्मक नतीजे मिलते हैं। आज भारत के लोगों के पास डिजिटल आइडेंटिटी है। भारतीयों के मोबाइल उनके बैंकिंग से जुड़े हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा हमने 50 करोड़ से ज्यादा ऐसे लोगों को बैंकिंग से जोड़ा जिनके पास बैंक अकाउंट नहीं था। इन लोगों को जागरूक करने के लिए बड़ा अभियान चलाया। हम भारतीय महिलाओं का आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सशक्तिकरण कर रहे हैं। हमने कानून बनाकर भारतीय महिलाओं को संसद में रिजर्वेशन किया। हम उनकी स्किल डेवलपमेंट पर फोकस कर रहे हैं। मोदी ने कहा हम देशवासियों की जरूरत का ध्यान रखते हैं। पिछले 23 सालों में मेरा सिद्धांत रहा है- मिनिमम गवर्नमेंट मैक्जिमम गरर्नेंस। हमने लोगों के पार्टिसिपेशन को प्राथमिकता दी। हमने इस बात पर ध्यान दिया कि भले ही किसी चीज की पहल सरकार करे लेकिन आगे चलकर उसे जनता खुद संभाले। जनभागीदारी को बढ़ावा दिया। मोदी ने कहा मैंने 13 साल भारत के गुजरात राज्य में लोगों की सेवा की। केंद्र में लोगों की सेवा करते हुए मुझे 10 साल होने वाले हैं। मेरा मानना है कि सरकार का अभाव नहीं होना चाहिए और न ही सरकार का दबाव होना चाहिए। लोगों के जीवन में सरकार का दखल कम से कम होना चाहिए। कोरोना के बाद दुनियाभर में सरकारों पर भरोसा कम हुआ। लेकिन भारत में ऐसा नहीं हुआ। बीते सालों में भारत सरकार पर देश के लोगों का भरोसा बढ़ा है। भारतीयों को सरकार की कमेटमेंट पर पूरा विश्वास है। आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत जो सबको साथ लेकर चले, जो क्लीन हो, भ्रष्टाचार से दूर हो। ऐसी सरकार जो पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों को लेकर गंभीर हो। विश्व को ऐसी सरकार चाहिए जो ईज ऑफ लिविंग, ईज ऑफ बिजनेस को अपनी प्राथमिक बनाए।

LEAVE A REPLY