गांधी नगर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा गुजरात के जिस राजकोट जिले के स्कूल में की थी, उसे अब गुजरात सरकार बंद करने जा रही है। स्कूल में बच्चों की गिरती संख्या के आधार पर सरकार इस स्कूल को बंद करके महात्मा गांधी के नाम पर संग्रहालय बनाएगी। महात्मा गांधी अल्फ्रेड हाई-स्कूल में पढ़ते थे। यह स्कूल जूनागढ़ के नबाव ने 164 साल पहले बनाया था। गुजराती भाषा के इस स्कूल में गांधी ने प्रारंभिक शिक्षा ली थी। 1887 में 18 साल की उम्र में महात्मा गांधी अपनी पढ़ाई पूरी करके इस स्कूल से पास आउट हुए थे। तब राजकोट का यह स्कूल बड़ा फेमस था। सैकड़ों बच्चे यहां पढ़ते थे, लेकिन आजादी के दो-तीन दशकों तक यह स्कूल अच्छा चला। बाद में इस स्कूल में छात्रों की संख्या गिरती गई। शिक्षा रिकॉर्ड भी छात्रों का ठीक नहीं रहा है। बताया जाता है कि अब इस स्कूल में मात्र सवा सौ छात्र हैं। आजादी से पहले सौराष्ट्र क्षेत्र का यह पहला अंग्रेजी स्कूल था। आजादी के बाद इस स्कूल का नाम बदलकर मोहन दास गांधी स्कूल कर दिया। उधर, स्कूल बंद करने के लिए स्कूल प्रबंधन ने इन बच्चों का स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी करना शुरु कर दिया है। स्कूल बंद करके सरकार यहां महात्मा गांधी के नाम से स्कूली जीवन व दूसरे प्रसंगों का संग्रहालय बनाएगी। इसे संग्रहालय में तब्दील करने के लिए सरकार ने एक सलाहकार की सेवाएं ली। करीब दस करोड़ रुपए संग्रहालय पर खर्च करने की योजना है। महात्मा गांधी के अलावा सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री जैसे महापुरुषों की जीवनी को भी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा।

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