जयपुर। प्रतिष्ठित लोगों को योजनाबद्ध तरीके से प्रेम-जाल में फंसा और बलात्कार के झूंठे मुकदमें में फंसाने की धमकी देकर करोड़ों रुपए ऐंठने वाले एक संगठित गिरोह का पर्दाफाश एसओजी ने किया है। राजस्थान पुलिस का यह अब तक सबसे बड़ा पर्दाफाश है, जिसे एक एनआरआई युवती के माध्यम से राजधानी जयपुर के पेशेवर पेशे से जुड़े प्रतिष्ठित लोग इस गिरोह को संचालित कर रहे थे। गिरोह का यह संचालन जयपुर के एडवोकेट नवीन देवानी कर रहा था। इस गिरोह में एनआरआई युवती तो थी, साथ ही कुछ वकील, बिजनेसमैन और आपराधिक गिरोह से जुड़े लोग शामिल हैं। एसओजी ने गिरोह के दो सदस्यों अक्षत शर्मा व विजय शर्मा को गिरफ्तार किया है। एसओजी ने यह पूरा खुलासा जयपुर के एक नामी डॉक्टर सुनीत सोनी की शिकायत पर किया है। सोनी भी इस गिरोह की कारगुजारियों का शिकार हो चुका है और झूंठी रेप केस की शिकायत पर 75 दिन जेल भी जा चुका है। गिरोह ने मामले में बयान बदलने के नाम पर सोनी से एक करोड़ रुपए की वसूली भी कर चुका है। जेल से रिहा होने के बाद गिरोह के चंगुल में दूसरे नहीं फंसे और गिरोह को पकड़वाने के लिए हिम्मत करके डॉ. सुनीत सोनी ने यह साहसिक कदम उठाते हुए एसओजी को शिकायत की। शिकायत सही पाए जाने पर एसओजी के महानिरीक्षक दिनेश एम.एन. ने एक पूरी टीम बनाकर गिरोह की गतिविधियों का पर्दाफाश किया। इस गिरोह के जयपुर समेत पूरे प्रदेश में करीब दो दर्जन से अधिक झूंठे रेप केस में फंसाकर करोड़ों रुपए ऐंठने की जानकारी सामने आ चुकी है। पुलिस इन सभी प्रकरणों की जानकारी ले रही है, साथ ही गिरोह में शामिल दूसरे सदस्यों की धरपकड़ के लिए टीम बना चुकी है।

– प्रेमजाल में फंसाकर बनाते थे क्लिपिंग, वकील देवानी चला रहा था गिरोह

दिनेश एम.एन महानिरीक्षक ने बताया कि एसओजी द्वारा जयपुर व राजस्थान के अन्य शहरों में बलात्कार के झूठे मुकदमें दर्ज कराने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग कर करोडों रुपये ऐंठने वाले इस संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया है। मामले में दो जनों को गिरफ्तार किया है। दोनों खुद को मीडिया से जुडा बता रहे हैं। गिरोह में आनन्दपाल सिंह गिरोह के सदस्यों के अलावा जयपुर शहर के कुछ वकील, प्रतिष्ठित व्यक्ति व महिलाऐं भी शामिल है। इस गिरोह का संचालक जयपुर शहर का वकील नवीन देवानी है। एसओजी द्वारा थाना विधाधरनगर के चर्चित हिम्मत सिंह हत्याकांड का अनुसंधान कर इस गिरोह का खुलासा किया गया था। यह हत्या कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के इशारे पर हुई थी। इसमें लक्ष्मण सिंह, उदयवीर सिंह, अनुराग चैधरी, आनंद शाण्डिल्य, सोनू पावटा, अजीत पावटा को गिरफ््तार किया था। आनंद शाण्डिल्य पुत्र विजय कुमार निवासी ए-40, तिलक नगर, थाना आदर्श नगर, जयपुर ने खुलासा किया कि जयपुर शहर व राजस्थान के अन्य शहरों में वह व उसके साथी वकील नवीन देवानी, वकील नितेश बंधु शर्मा, अक्षत शर्मा, विजय उर्फ सोनू शर्मा व कुछ अन्य लोग भी शामिल है, जो जयपुर, अजमेर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड से लडकियां मंगवा कर उन्हे ब्लैकमैंलिंग के काम के लिये तैयार करते थे। इसमें एक एनआरआई लडकी भी शामिल है। आनंद शाण्डिल्य व वकील नवीन देवानी द्वारा शहर के सामाजिक रुप से प्रतिष्ठित व धनी लोगों को चिन्हित कर उनके पास योजनाबद्ध रुप से लडकी को भेजा जाता। लडकी ऐसे लोगों को अपने जाल में फ ांस कर उसके साथ ईच्छा से शारीरिक संबंध स्थापित करती एवं योजना अनुसार इस कार्य को बलात्कार का रुप देने के लिये साक्ष्य एकत्र कर लेती। इस साक्ष्य में क्लिपिंग, अधो:वस्त्र आदि होते थे। गिरोह के सरगना व सदस्यगण पूर्व नियोजित योजना अनुसार उस व्यक्ति के पास जाते और उसे बलात्कार के झूठे मुकदमें में फं साने की धमकी देते। समाज में अपनी प्रतिष्ठा को बचाने के लिये वह व्यक्ति उनके द्वारा मुंह मांगी बडी रकम का उनको भुगतान करता। ब्लैकमैलिंग की यह रकम कई मामले में एक से दो करोड होती थी। जो व्यक्ति रुपया देने से मना करते, उनके विरुद्ध थानों में बलात्कार के झूठे मुकदमें दर्ज कराये जाते व उनके गिरफ््तार होनेे के बाद ट्रायल के दौरान तथाकथित बलात्कार की पीडिता के पक्षद्रोही बयान करवा कर बडी रकम वसूल की जाती।

– डॉक्टर सोनी को फंसाकर ऐंठे एक करोड़

एसओजी के मुताबिक इसी गिरोह द्वारा जयपुर शहर के वैशाली नगर में मेड््िस्पा के नाम हेयर ट्रांसप्लांट का क्लिनिक चलाने वाले डॉ. सुनीत सोनी को चिन्हित कर उनके पास योजनाबद्ध तरीके से एक लडकी को हेयर ट्रीटमेंट कराने भेजा। लडकी ने अपने आप को डिप्रेशन में बताते हुए डॉ. सुनीत सोनी को अपने साथ पुष्कर घुमाने चलने का दबाव डाला। लडकी ने योजनानुसार डॉ. सुनीत सोनी से पुष्कर में एक रिसोर्ट में कमरा बुक करा दिया। सुनीत लडकी को पुष्कर छोडकर रात में ही जयपुर आ गया। लेकिन लडकी ने डॉ. सुनीत को बार-बार फ ोन यह कहते हुए किए कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है। इसलिये अभी वापस पुष्कर आकर उसे ले जाये। डॉ. सुनीत रात में वापस अपनी गाडी से पुष्कर गया और सुबह लडकी को लेकर जयपुर आ गया। एक दो दिन बाद ही अक्षत शर्मा व विजय उर्फ सोनू शर्मा ने डॉ. सुनीत सोनी को लडकी से मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देकर एक करोड रुपये मांगे। दोनों ने अपने आप को मिडियाकर्मी होना बताया व न्यूज चलाने की धमकी दी। डॉक्टर सुनीत ने रुपये देने से इंकार कर दिया तो गिरोह के सरगना वकील नवीन देवानी ने लडकी से डॉ. सुनीत सोनी के विरुद्ध थाना पुष्कर पर धारा 376 आईपीसी में बलात्कार का मुकदमा दर्ज करा दिया। सुनीत को इस मामले में पुष्कर थाना पुलिस ने गिरफ््तार कर लिया। डॉ. सुनीत सोनी के पिता व उसके भाई से सरगना नवीन देवानी, नितेष बंधु व प्रेम शर्मा, सुशील गुप्ता ने सम्पर्क किया और समझौते के नाम पर करीब 1 करोड लेकर लडकी के कोर्ट में पक्षद्रोही बयान करवाये। डॉक्टर सुनीत सोनी का बलात्कार के एक झूंठे मुकदमें में 75 दिन तक जेल में रहना पडा। डॉक्टर सुनीत सोनी ने दिनेश एम.एन., महानिरीक्षक पुलिस, एसओजी के समक्ष उपस्थित होकर इस मामले में लिखित शिकायत की थी।

– 15 करोड़ रुपए ऐंठ चुके हैं गिरोह सदस्य

एसओजी प्रेसनोट के मुताबिक गिरोह का सरगना नवीन देवानी पुत्र अशोक देवानी सिंधी कोलोनी, जवाहर नगर, जयपुर है। जो पेशेे से वकील है। नवीन देवानी अपराधी आनंदपाल व अनुराग चैधरी का वकील है। वकील नितेश बंधु शर्मा पुत्र दिनेष बंधु शर्मा, अक्षत शर्मा पुत्र नंदकिशोर शर्मा जैन ज्योति कोलोनी, भीलवाडा हाल जेनेसिस अपार्टमेंट, फ््लैट नं. 802, सिरसी रोड, जयपुर, विजय उर्फ सोनू शर्मा पुत्र रामगोपाल शर्मा, शिव कोलोनी, टोंक रोड, जयपुर, आनंद शाण्डिल्य, प्रेम शर्मा, सुशील गुप्ता व कुछ अन्य लोग भी शामिल है। इस गिरोह द्वारा अब तक जयपुर शहर, उदयपुर, अलवर, बीकानेर, अजमेर में अब तक 25 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है। इन वारदातों से करीब 12 से 15 करोड रुपये ब्लैकमैंलिंग कर ऐंठ चुके है। गिरोह के लोगों ने इन रुपयों से मंहगी गाडियां खरीद ली हैं और रियल स्टेट में निवेश कर रखा है। प्रकरण में सभी अभियुक्तगणों को नामजद कर लिया गया है। नामजद अभियुक्त नवीन देवानी व नितेष बंधु फ रार चल रहे है। गिरफ्तार आरोपियों से ओर भी वारदातों का खुलासा होने की संभावना है।

– एसओजी को दे शिकायतें, गोपनीय रहेंगी

एसओजी महानिरीक्षक दिनेश एम.एन. ने अपील जारी की है, जिसमें ऐसे गिरोहों से पीडि़त लोगों को एसओजी में सम्पर्क कर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। ताकि ऐसे गिरोहों का पर्दाफाश हो सके और ऐसे कृत्य करने वालों को सजा मिल सके।

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