गुढ़ा वेस्ट में लिग्लाइट खनन और पावर प्लांट लगाने का बनेगा रोडमेप
जयपुर। प्रदेश के लिए नए साल के लिए विद्युत क्षेत्र के लिए खुशखबरी हो सकती है कि राज्य सरकार लिग्नाइट आधारित गुढ़ा वेस्ट में थर्मल पॉवर प्लांट लगाने के संभावित संभावनाओं के प्रति गंभीर हो गई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने शुक्रवार को विद्युत भवन में एनर्जी और माइंस से जुड़े उच्चाधिकारियों की बैठक में संभावित विकल्पों पर विचार विमर्श किया।
एसीएस माइंस, पेट्रोलियम और एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि राज्य में गुढ़ा वेस्ट में 10 लाख प्रतिटन लिग्नाइट उत्पादन क्षमता की माइनिंग राजस्थान राज्य माइंस व मिनरल के पास उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि 2005 से आवंटित गुढ़ा वेस्ट माइंस में लिग्नाइट का खनन और उस लिग्नाइट का वहां पर ही 125 से 135 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता का प्लांट लगाने की योजना थी जो किन्हीं कारणों से धरातल पर नहीं आ सका है। उन्होंने बताया कि इस माइंस में लिग्नाइट का खनन और उससे पावर प्लांट लगाकर बिजली उत्पादन के संभावित चार विकल्पों पर आज विचार किया गया।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम, राजस्थान ऊर्जा विकास निगम और राजस्थान माइंस एवं मिनरल्स को इसके लिए रोडमेप बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इसी क्षेत्र में पहले से ही गुढ़ा ईस्ट में भारत सरकार की नेेवेली लिग्नाइट द्वारा खनन और पावर प्लांट में विद्युत उत्पादन हो रहा है। इसी तरह से बरसिंगसर में निजी क्षेत्र में विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। चेयरमैन डिस्काम्स भास्कर ए सावंत ने बताया कि गुढ़ा वेस्ट में राज्य सरकार की लिग्नाइट माइन में खनन और विद्युत उत्पादन का संयुक्त कार्य होने से प्रदेश में विद्युत उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी हो सकेगी। उन्होंने बताया कि इससे विद्युत लागत भी कम आएगी और यहां के लिग्नाइट का उपयोग प्रदेश में ही हो सकेगा।
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आर के शर्मा ने बताया कि उत्पादन निगम द्वारा संभावित सभी विकल्पों का अध्ययन कर जल्दी ही राज्य सरकार को रोडमेप प्रस्तुत कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य में विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने में यह उपयोगी निर्णय सिद्ध होगा। बैठक में आरएसएमएमएल के वित्तीय सलाहकार डॉ. टीआर अग्रवाल, महाप्रबंधक लिग्नाइट अरुण सिंह और वरिष्ठ प्रबंधक असीम अग्रवाल ने पीपीटी के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। निदेशक ऊर्जा विकास निगम पीएस सक्सैना से बताया कि इस परियोजना को धरातल में लाने के संयुक्त प्रयास किए जाने चाहिए। बैठक में संयुक्त सचिव एनर्जी आलोक रंजन, डीएस माइंस नीतू बारुपाल, एमडी जयपुर डिस्काम नवीन अरोडा, उत्पादन निगम देवेन्द्र श्रृंगी, ऊर्जा विकास निगम के मुकेश बंसल व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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