नई दिल्ली। जीएसटी को लेकर बनी वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली परिषद के हाल ही निर्णयों से अप्रत्यक्ष कर विभाग के अधिकारी व कर्मचारी नाखुश नजर आए। मंगलवार को शहीद दिवस पर विभाग से जुड़े 70,000 कर अधिकारी और कर्मचारियों ने कार्य के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। अप्रत्यक्ष कर विभाग के कार्मिकों से जुड़े संगठनों का कहना है कि जीएसटी परिषद के निणज़्यों का सीधा-सीधा जुुड़ाव राज्यों की तरह है। जो केंद्र के शुल्क लगाने और कर संग्रह के संप्रभु कार्य के लिये अच्छा संकेत नहीं है। संगठन ने कहा कि जीएसटी के निर्णय से प्रतीत होता है कि यह योजना के मूल ढांचे से समझौता है। इससे भ्रम की स्थिति सामने आ रही है। जो राजस्व सहित व्यापार, उद्योग व वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए सीधे नुकसानदायक साबित हो सकती है। गौरतलब है कि जीएसटी परिषद ने 16 जनवरी को हुई बैठक में राज्यों को 12 समुद्री मील के क्षेत्र में होने वाली आर्थिक गतिविधियों पर कर लगाने की अनुमति दी। जिसमें 1.5 करोड़ रुपए तक का सालाना कारोबार करने वाले 90 प्रतिशत करदाताओं को भी सीधे राज्यों के हवाले कर दिया। इसी तरह जीएसटी परिषद के अन्य फैसलों के मामले में सीबीईसी के दायरे में वाले अधिकारियों ने आपत्ति जताई। ऐसे में इसकी तत्काल समीक्षा किया जाना जरुरी है। एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि जीएसटी को तार्किक और पारदर्शी तरीके से करने की जरुरत है। वे अपनी मांगों पर नीति निर्माणकताओं का ध्यान आकर्षित करने के लिए संवैधानिक तरीके से विरोध दर्ज कराया।