-बाल मुकुंद ओझा
गर्मी का रौद्र रूप शुरू होते ही जंगलों में आग लगने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। विश्व के कई इलाकों में पड़ रही भीषण गर्मी से धरती को साफ हवा देने वाले जंगलों का सफाया हो रहा है। भीषण गर्मी की बदौलत कई देशों में जंगल धधक रहे हैं। इन जंगलों की आग को बुझाने के लिए हजारों फायरकर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। इनका साथ कई जगहों पर स्थानीय लोग भी दे रहे हैं। जंगलों में लगी आग से अब तक सैकड़ों किमी के जंगल खाक हो गए हैं। जंगलों में रहने वाले पशु-पक्षी और जीव-जंतु भी अपनी जान गंवा रहे है। जलवायु परिवर्तन और तापमान सामान्य से बहुत अधिक होने से जंगलों में आग लगने की घटनाओं में भी तेजी से इजाफा होने लगा है। जंगल में आग लगने के कई कारण होते हैं। इनमें ईंधन, ऑक्सीजन और गर्मी मुख्य है। अगर गर्मियों का मौसम है, तो सूखा पड़ने पर ट्रेन के पहिए से निकली एक चिंगारी भी आग लगा सकती है. इसके अलावा कभी-कभी आग प्राकृतिक रूप से भी लग जाती है। ये आग ज्यादा गर्मी की वजह से या फिर बिजली कड़कने से लगती है। जंगलों में आग लगने की ज्यादातर घटनाएं इंसानों के कारण होती
हैं, जैसे आगजनी, कैम्पफायर, बिना बुझी सिगरेट फेंकना, जलता हुआ कचरा छोड़ना, माचिस या ज्वलनशील चीजों से खेलना आदि। जंगलों में आग लगने के मुख्य कारण बारिश का कम होना, सूखे की स्थिति, गर्म हवा, ज्यादा तापमान भी हो सकते हैं। इन सभी कारणों से जंगलों में आग लग सकती है। जंगलों में आग से करोड़ों अरबों की वन संपदा खाक हो जाती है। पेड़ पौधों के साथ जंगली जानवर मौत के शिकार होते है वहां भूमि भी बंजर हो जाती है। अमेरिका के केलिफार्निया के जंगल में एक सप्ताह से अधिक समय से आग लगी हुई है। यहां का नेशनल पार्क इस आग की चपेट में है। आग की वजह से काफी बड़ा इलाका जलकर खाक हो गया है। स्पेन के जंगलों में लगी आग का धुआं कई किमी दूर से देखा जा सकता है। मोरक्को में भी जंगल धधक रहे हैं। यहां के लाराचे और ताजा प्रोविंस के जंगलों में कई दिनों से आग लगी है। सैकड़ों परिवारों को यहां से अब तक सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया है। इस समय स्पेन, पुर्तगाल और फ्रांस सहित यूरोप के कई देश जंगलों में लगी आग का सामना कर रहे हैं। जिसके चलते हजारों लोगों को अपना घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है। यहां आग लगने के चलते तापमान काफी ज्यादा बढ़ गया है, जिसके चलते आसपास के इलाकों में गर्मी भी काफी ज्यादा हो गई है। स्थिति कितनी ज्यादा खराब है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि जंगलों की आग की

वजह से देश के पूर्वोत्तर हिस्से में पुर्तगाल के एक फायर फाइटर पायलट की मौत हो गई थी। पुर्तगाल इस हफ्ते जंगल की आग से काफी ज्यादा प्रभावित रहा है। न केवल देश के आम नागरिक बल्कि 3000 से अधिक दमकलकर्मी भी इस आग के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। देश के कई हिस्सों में जंगलों की आग के चलते लोगों के लिए अपने घरों को सुरक्षित करना मुश्किल हो रहा है। आगे के पीछे का कारण गर्मी के चलते हुआ बेहद अधिक तापमान और सूखे की स्थिति को बताया जा रहा है। पुर्तगाली अधिकारियों के अनुसार पिछले एक सप्ताह में गर्मी के कारण 238 लोगों की मृत्यु हुई है। स्पेन में सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार गर्म हवाओं और अधिक तापमान के चलते 360 लोग मारे गए हैं। फ्रांस के दक्षिण-पश्चिम गिरोंडे क्षेत्र से आग लगने की विभिन्न घटनाओं में 12 हजार से अधिक लोग सुरक्षित निकाले गए हैं। ब्रिटेन में सरकारी मौसम एजेंसी द्वारा अत्यधिक गर्मी के कारण पहली बार रेड अलर्ट जारी किया गया है, और इस समस्या पर
मंत्रिमंडल ने बैठक की है। भारत की बात करे तो वर्ष 2020-2021 में जंगलों में आग की 3.98 लाख से अधिक घटनाओं की सूचना मिली जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुने से अधिक है। भारतीय वन सर्वेक्षण के अनुसार 1 जनवरी से 31 मार्च 2022 तक देश में एक लाख 36 हज़ार से अधिक जगहों से आग फैली जिसने मीलों तक जैव-विविधता से भरपूर जंगलों को जलाकर राख कर दिया। काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर के एक अध्ययन में बताया गया कि पिछले दो दशकों में जंगलों में आग के हादसों में दस गुना वृद्धि हुई है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने जंगलों की आग पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि पर्यावरण मंत्रालय और अन्य प्राधिकरण वन क्षेत्र में आग लगने की घटना को हल्के में लेते हैं। जब भी ऐसी घटनाएं घटती हैं, तो किसी ठोस नीति की आवश्यकता महसूस की जाती है। लेकिन बाद में सब कुछ भुला दिया जाता है।

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