Financial assistance

नयी दिल्ली :  तमिलनाडु सरकार ने नीट मुद्दे को लेकर गत सितम्बर में कथित रूप से आत्महत्या करके राज्यभर में आक्रोश पैदा करने वाली दलित लड़की के परिवार को आज सात लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी। पहले दिए गए आश्वासन के तहत पीड़ित लड़की एस. अनीता के भाई को राज्य सरकार में नौकरी दी गई। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने यहां सचिवालय में अनीता के पिता षणमुगम को सात लाख रुपये का चेक प्रदान किया।

मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की कंपनी तमिलनाडु मेडिकल प्लांट फार्म्स एंड हर्बल मेडिसिन कॉरपोरेशन लिमिटेड में पीड़िता के भाई सतीश कुमार की कनिष्ठ सहायक के तौर पर नियुक्ति का पत्र भी दिया। राष्ट्रीय प्रवेश योग्यता परीक्षा (नीट) आधारित मेडिकल दाखिलों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाली 17 वर्षीय अनीता ने एक सितंबर को अरियालुर जिले में अपने मूल गांव में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। तमिलनाडु को नीट के दायरे से छूट नहीं दिये जाने के बारे में जानकर अनीता कथित तौर पर परेशान थी।

दिहाड़ी पर काम करने वाले की बेटी अनीता चिकित्सक बनना चाहती थी। उसने 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में 1200 में से 1176 अंक हासिल किए थे लेकिन नीट में वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी जिसके कारण उसे मेडिकल सीट नहीं मिल सकी। अनीता की मौत के बाद छात्रों और अन्य लोगों ने नीट का विरोध करते हुए और अनीता के लिए न्याय की मांग करते हुए राज्यभर में एक सप्ताह से अधिक समय तक विरोध प्रदर्शन किए थे।

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