जयपुर। देश भर में चर्चित हुए फर्जी हथियार लाईसेंस मामले में एटीएस ने 14 फरवरी को गिरफ्तार हुए अबोबर-पंजाब निवासी नरेन्द्र कुमार बढेरा तथा 21 अप्रेल को गिरफ्तार हुए प्यार मोहम्मद (66) निवासी देवास-एमपी के खिलाफ सीएम एक अदालत में चार्जशीट पेश की। एसपीपी बीएस चौहान ने बताया कि प्रिटिंग प्रेस व्यवसायी बढ़ेरा ने मुख्य आरोपियों में शामिल साले विशाल आहूजा को फर्जी मोहरें दी थी। साथ ही प्यार मोहम्मद की बेटे जफर जो जेल में है के नाम से देवास में गन हाउस की दुकान है। बातचीत की रिकार्डिंग में प्यार भी अपराध में बराबर का भागीदार है। बैेंक का संचालन स्वयं ही करता था। मामले में एटीएस अब तक 1182 फर्जी लाइसेंस व 66 हथियार जब्त कर 52 मुल्जिमों को गिरफ्तार कर चुकी है। प्रकरण की जांच एएसपी सतवीर सिंह कर रहे हैं।
अदालत में पेश किए गए चालान में एटीएस ने जम्मू-कश्मीर में कुपवाड़ा डिप्टी कमिश्नर एवं मजिस्ट्रेट खालिद जहांगीर, जम्मू के डिप्टी कमिश्नर एवं मजिस्ट्रेट राजीव रंजन, गृह विभाग के अवर सचिव सईद यासिर फारुख, सहायक सचिव जहूर अहमद व रिकार्ड कीपर शाबिर कमाण्ड एरिया डवलपमेंट के रिटायर्ड निदेशक इतरत हुसैन फारूखी, बन्दीपुर के शोकत अहमद श्ोख, तीन ज्यूडिशियन क्लर्क गजन सिंह, श्रीनगर के तारीख अहमद श्ोख, रामगढ के अतुल कुमार, तारीख अहमद के अलावा कठुआ के नील कुमार व रजनी शर्मा, सूरत के रवि भाई, मन्दसौर-एमपी के रहीस चौहान व अमजद खान, महसावा के जितेन्द्र कमलेश व विजय पटेल, जूनागढè के कुलदीप सिंह डोडिया, पालनपुर के जाकिर हुसैन नागौरी, प्रीतनगर के जगनप्रीत सिंह, कृपा शंकर राय, गुडगांव के ज्योति रंजन रॉय, पाटन-गुजरात का जिगर पटेल, मुम्बई के संयज ठाकुर सहित राजस्थान के अन्य मुल्जिमों के खिलाफ साक्ष्य एकत्रित करने के लिए जांच सीआरपीसी की धारा 173 (8) में लम्बित रखी है।


































