जयपुर। आज देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि है। आज ही के दिन इंदिरा गांधी के दो सिख अंगरक्षकों ने गोलियां चलाकर उनकी हत्या कर दी थी। इंदिरा की हत्या की सुन दिल्ली, पंजाब समेत अन्य राज्यों में सिखों पर हमले शुरु हो गए। सेना ने मोर्चा संभाला, तब जाकर शांति हुई। जब इंदिरा गांधी की हत्या हुई, तब प्रियंका गांधी और राहुल गांधी स्कूल में थे। उन्हें वहां से कड़ी सुरक्षा में घर पर लाया गया। घर में भारी भीड़ और सभी के चेहरे शांत देख वे भी दुखी थे। तब राहुल की उम्र आठ-दस साल तो प्रियंका उनसे बड़ी थी। सोनिया गांधी ने दोनों बच्चों को संभाला। कुछ देर बाद उन्हें उनकी दादी की मौत होने की जानकारी दी।
यह सुनकर दादी के लाडले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी रुलाई फूट पड़ी थी। मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक, बमुश्किल उन्हें शांत करवाया। राहुल गांधी बार-बार दादी इंदिरा के शव के ऊपर रखकर बार-बार रुंआसे हो रहे थे। रह-रहकर उनकी आंखों से अश्रुधारा निकलने लगती थी। ऐसी कुछ स्थिति प्रियंका गांधी की थी। वह भी मां इंदिरा गांधी को याद करके रोने लगती थी। राजीव व सोनिया गांधी व दूसरे परिजन उन्हें दिलासा देते थे। जब इंदिरा गांधी की देह को अग्नि दी गई, तब भी राहुल गांधी, प्रियंका गांधी भावुक हो गए और अपनी मां सोनिया गांधी से लिपट गए थे। आज जब राहुल गांधी नई दिल्ली में अपनी दादी इंदिरा गांधी की समाधि स्थल पर गए तो उन्हें पुष्प चढ़ाते हुए फिर से भावुक हो गए। कुछ देर तक हाथ जोड़ और आंखें बंद करके अपनी दादी इंदिरा गांधी को याद करते रहे। आज भी राहुल गांधी अपने भाषणों में अपनी दादी और पिता को याद करते रहते थे। वे कहते हैं कि दादी इंदिरा और पिता राजीव गांधी भारत को एक समृद्ध देश बनाना का सपना देखा करते थे। इसके लिए उन्होंने काफी कुछ किया भी।