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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद किए जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गंभीर आरोप लगाए हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि नोट बंद करने के पीछे के कारनामे अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। नोटबंदी से कई घोटाले हो रहे हैं। आठ नवंबर को नोट बंद करने के ऐलान से पहले पीएम मोदी ने अपने दोस्तों और बीजेपी के लोगों को सतर्क किया। जिससे वे अपना कालाधन ठिकाने लगा सके। नोटबंदी से पहले ही बीजेपी की लोगों ने कालेधन को ठिकाने लगाया है। डॉलर को 2000 के नोट से बदला जा रहा है। भारी मात्रा में पैसे बैंक में डिपॉजिट हो रहे थे। कालेधन वाले सोना, डॉलर खरीद रहे हैं। केजरीवाल ने सवाल किया कि सरकार की नजरों मे किसके पास कालाधन है, वे ये बताएं। पीएम मोदी का सर्जिकल स्ट्राइक कालेधन के ऊपर नहीं है। आम जनता ने जो सेविंग्स की है उस पर स्ट्राइक की है। शनिवार को दिल्ली के सीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर ये आरोप लगाए हैं। इस दौरान वीडियो के माध्यम से सबूत भी दिखाए। उन्होंने मांग की कि 500 और 1000 के नोट बंद किए जाने के फैसले को वापस लेना चाहिए। जुलाई से सितंबर के क्वार्टर में अचानक से काफ ी रुपया जमा किया गया है। अब आम जनता को तंग किया जा रहा है। सरकार कहना चाहती है कि ढाई लाख रुपये से ऊपर जमा मत करवाना। हमारे दलाल आने वाले हैं, उनसे डील कर लेना। उधर, केजरीवाल के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी को सत्ता की चाहत है। उनका रुख बेतुका है। एक तरफ तो वे कालेधन के खिलाफ हैं और दूसरी तरफ वे इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं।
– जनता कर रही है त्राहि-त्राहि
कांग्रेस प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने भी आरोप लगाया कि सरकार ने बिना सोचे समझे और जल्दबाजी में 500 तथा 1000 के नोट प्रचलन से बाहर कर दिए। इससे देश में चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची है। लोग बैंकों में जमा अपने ही पैसे के लिए परेशान हो रहे हैं। इस स्थिति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं जो खुद को आम आदमी कहते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी कितनी जिम्मेदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं, इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि देश में इतनी बड़ी घोषणा करने के तत्काल बाद वह जापान यात्रा पर चले गए। उन्हें देश के आम नागरिकों की चिंता होनी चाहिए।

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