जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर गांधी परिवार से ही कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की पैरवी की है। गहलोत ने कहा गांधी परिवार की देश में आज क्रेडिबिलिटी है, इसलिए हर व्यक्ति चाहता है गांधी परिवार का अध्यक्ष बने। गांधी परिवार फैसला करते वक्त अपना पराया नहीं देखते, फैसला वही करते हैं जो पार्टी हित में हो। इसलिए सब कह रहे हैं कि राहुल गांधी अध्यक्ष बनें। हम सब लोग उनके पीछे इसलिए पड़े हैं कि राहुल गांधी अध्यक्ष बनेंगे तो पार्टी एकुजट रहेगी। गहलोत कन्याकुमारी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत से पहले मीडिया से बातचीत कर रहे थे। लोकसभा चुनाव में कामयाब नहीं हुए तो नैतिकता के आधार पद इस्तीफा दे दिया। वर्किंग कमेटी में राहुल गांधी ने कहा था कि अध्यक्ष नहीं बनूंगा, लेकिन कांग्रेस कहेगी वह काम करूंगा। हम चाहते हैं, वे अध्यक्ष बने,हम चुनौतियों का मुकाबला करेंगे। पिछले तीस साल से गांधी परिवार का कोई व्यक्ति पीएम, सीएम और मंत्री नहीं बना हो उस पर बीजेपी के लोग बेवजह आरोप लगाते हैं। सोनिया गांधी के पास पीएम बनने का चांस था, लेकिन उन्होंने मनमोहन सिंह को बनाया और खुद इनकार कर दिया। सोनिया गांधी की तो राजनीत में रुचि ही नहीं थी, कांग्रेस के नेताओं के आग्रह पर वे राजनीति में आईं थीं। मैं इस बात का गवाह हूं, हमें सोनिया गांधी को यह तक कहना पड़ा था कि आपने कांग्रेस की बागडोर नहीं संभाली तो इतिहास माफ नहीं करेगा। कांग्रेस बिखर रही थी, कांग्रेस को एकजुट करने हम सोनिया गांधी को लेकर आए थे। राहुल गांधी प्यार मोहब्बत में यकीन करने वाला गांधीवादी इंसान है। मैं राहुल गांधी के साथ रहा हूं, वह बहुत प्यारा इंसान है। इसीलिए राहुल गांधी भावुकता में संसद में पीएम मेदी से गले मिलने चले गए। मोदी अगर खड़े होकर गले लग जाते तो उनका बड़प्पन ही दिखता। करोड़ों खर्च करके राहुल गांधी की इमेज खराब करने सोशल मीडिया पर पांच हजार लोगों की टीम लगा रखी है। बीजेपी वाले जनसंघ के जमाने से ही कांग्रेस के नंबर वन नेता की इमेज खराब करने का अभियान चलाते रहे हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर निशाना साधते हुए बढ़ते धार्मिक तनाव से आगे गृह युद्ध जैसे हालात पैदा हाेने की चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- बीजेपी और केंद्र सरकार के इरादे नेक नहीं हैं। देश में धर्म के और जाति के नाम पर आपसी नफरत पैदा हो चुकी है। ध्रुवीकरण इतना हो चुका है कि लोगों के बीच नफरत पैदा हो गई है। अगर इसको संभाला नहीं गया तो देश गृह युद्ध की तरफ जा सकता है। आज मोहल्लों में जहां बहुसंख्यक लोग रहते हैं वहां माइनोरिटी के लोग डरे हुए रहते हैं, माइनोरिटी के लोगों के मन में चिंता रहती है कि हमारा क्या होगा। चाहे वे हिंदू हो या मुसलामान दोनों डरे रहते हैं। देश में इस तरह की घटनाएं होने लगी हैं वे सबके सामने हैं। लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ रहा है। राहुल गांधी बार बार कहते हैं जहां डर होती हैं वहां हिंसा होती हैं। नफरत के कारण राहुल गांधी ने अपने पिता और दादी को खोया। ऐसा नौजवान जिसमें देश प्रेम भावना कूट कूट कर भरी है, वह कह रहा है कि मैं अपने प्यारे देश को नफरत की भेंट नहीं चढ़ने दूंगा। प्रधानमंत्री के पास अब भी समय है, वे राहुल गांधी की यात्रा के मैसेज को समझें। यह वक्त है हम किस प्रकार से हालात बदलें। वर्तमान पीढ़ी को देश का इतिहास सही तरीके से नहीं बताया तो वह कभी माफ नहीं करेगी। देश का सामाजिक ताना बाना कमजोर हो रहा है। इसके लिए ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा निकाली जा रही है। केंद्र सरकार हर मोर्चे पर फेल साबित हुई है।

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