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जयपुर। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी ने उच्च शिक्षा में नवाचारपरक पहल एवं गुणवत्ता सुधार के लिये ‘न्यू इनिशिएटिव्स इन कॉलेज एजुकेशन ’ कार्यक्रम की घोषणा की है। उन्होने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी के लिए जयपुर में विशेष अभियान के तहत ‘कमिश्नर की क्लास’ योजना की शुरूआत होगी। इसमें महाविद्यालयी विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओ की बेहतर तैयारी के लिए आयुक्त स्वयं विद्यार्थियों की कक्षा लेंगे और उनसे संवाद करेंगे। भाटी ने कहा कि राज्य के सभी राजकीय एवं निजी महाविद्यालयों में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं उनमें नैतिक मूल्य सम्बलन हेतु ‘राजस्थान हैल्दियर यूूथ एण्ड मोरल एजुकेशन’ कार्यक्रम, बेटियों के सवार्ंगीण विकास, सुरक्षा एवं स्वास्थ्य को केन्दि्रत करते हुए महिला शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण करवाने एवं इनके माध्यम से छात्राओं की मैण्टरिंग करवाने की मंशा से ‘‘गर्ल्स एम्पावरमैण्ट एण्ड मैैण्टरिग कार्यक्रम’’ चलाए जाएंगे।

श्री भाटी रविवार को शिक्षा संकुल में स्वामी विवेकानंद जयंती पर कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय द्वारा आयोजित ‘युवा संवाद’ कार्यक्रम मे संबोधित कर रहे थे। उन्होेने कहा कि उच्च शिक्षा के सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है। इसके अंतर्गत राजकीय महाविद्यालयों के प्राचायोंर्ं एवं वरिष्ठ संकाय सदस्यों में प्रशासनिक नेतृत्व विकास एवं दक्षता हेतु ‘एडमिनिस्ट्रेटिव एफीसिएन्सी एण्ड प्रोगेसिव लर्निंग अफर्ट’ कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा। प्रदेष में ‘अर्जुन दृष्टि कार्यक्रम’ के अन्तर्गत राज्य स्तरीय अन्तर-सम्भाग क्रिडा एवं खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राजकीय महाविद्यालयों की ही भांति निजी महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिये भी प्रतियोगिता दक्षता कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा। इसमें निशुल्क कोचिंग कक्षाएं आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि महाविद्यालयी पाठ्यक्रमों में नवीनता के साथ ही समयानुकूल परिवर्तन हो। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में पढ रहे विद्यार्थियों के बहुआयामी लाभ एवं विकास हेतु विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ एमओयू कर उन्हें लाभान्वित किया जाएगा।

श्री भाटी ने कहा कि आज का समय प्रतिस्पद्र्धा का है। युवाओं को अध्ययन के साथ साथ प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए मार्गदर्शन की भी विशेष रूप से आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसीलिए प्रदेश मे गुणात्मक शिक्षा, के साथ ही कैरियर मार्गदर्शन पर भी हमारा विशेष ध्यान है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद युगपुरूष रहे हैं और उनका संपूर्ण जीवन ही प्रेरणा का स्त्रोत है। उन्होने उनके आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान करते प्रदेश मे उच्च शिक्षा के अंतर्गत किए गए विभिन्न कार्याें की चर्चा की तथा कहा कि राज्य सरकार ने विद्यार्थियों के लिये फ्री कोचिंग सुविधा के लिये आरंभ प्रतियोगिता दक्षता कार्यक्रम के बेहद सकारात्मक परिणाम आए है। इसके तहत राज्य में 150 से अधिक राजकीय महाविद्यालयों में लगभग 60 हजार विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि श्रीगंगानगर राजकीय महाविद्यालय में हजारों युवाओं को फ्री कोचिंग करवाई जा चुकी है तथा इस व्यवस्था में युवाओं का विश्वास जागृत हुआ है।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेष में पहली बार प्रायोगिक तौर पर 10 राजकीय कन्या महाविद्यालयों में इन्दिरा प्रियदर्शिनी स्वर्णिम उडान योजना आरम्भ की। आगामी सत्र में इस योजना को सभी राजकीय कन्या महाविद्यालयों में ले जाने की हम मंशा रखते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को रोजगार से जोडने के लिए प्रदेश में ‘मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना’ के तहत प्रथम चरण में 100 से अधिक राजकीय महाविद्यालयों में 7 हजार से अधिक विद्यार्थियों को प्रशिक्षित करने की पहल की गयी है। यह पहली ऎसी योजना है जो राज्य सरकार वित्त पोषित होने के साथ साथ केवल राजकीय महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिये आरम्भ की गई। इसी तरह ‘अर्जुन दृष्टि कार्यक्रम’ के तहत पहलीबार राजकीय महाविद्यालयों में हाउस-वाइज क्रीडा एवं खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई गई। इसके बाद जिला स्तरीय अन्तर-महाविद्यालय, एवं सम्भाग स्तरीय अन्तर-जिला प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई गई। अब हम राज्य स्तरीय अन्तर सम्भाग प्रतियोगिताएं आयोजित करवाने जा रहे हैं।

श्री भाटी ने कहा कि महाविद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। शिक्षकों में क्वालिटी सुधार के लिये नियमित एवं व्यवस्थित प्रयास करते हुए राज्य सरकार ने शिक्षक दक्षता एवं संवर्द्धन कार्यक्रम आरम्भ किया है। इसके जरिए अभी तक 14 कॉलेज में लगभग 450 टीचर्स को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इस सत्र में कुल 23 राजकीय महाविद्यालयों द्वारा इस कार्यक्रम को आयोजित करवाया जाएगा। उच्च शिक्षा तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने एवं ‘उच्च शिक्षा आपका अधिकार’ जैसी सोच के साथ राज्य सरकार ने अपने पहले बजट में एक ही सत्र में एक साथ 50 नये राजकीय महाविद्यालय खोलने की घोषणा की, जिनमें से 38 राजकीय महाविद्यालय इसी सत्र से आरम्भ भी कर दिये गये हैं। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा फरवरी 2019 में अपने पहले बजट में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार एवं संस्था विकास को ध्यान में रखकर की गयी बजट घोषणाओ के तहत लगभग 3000 घण्टों की शिक्षण व्यवस्था महाविद्यालयों में करवाई जा चुकी है। पहली बार शिक्षको को अध्यापन कार्य के लिये लम्बी अवधि के लिये प्रतिनियुक्ति पर भेजने जैसी अव्यवस्थापरक क्रियाकलापों में कमी आई है। महाविद्यालयों को जिला स्तर पर सहायता के लिये सभी 33 जिलों में जिला संसाधन सहायता समितियों गठित की गई हैं। इसी तरह राज्य के सभी राजकीय महाविद्यालयों का वार्षिक अंकेक्षण एवं मूल्यांकन करवाने की भी पहल हम कर रहे हैं। इस वर्ष का मूल्यांकन शीघ्र आरम्भ करवाया जा रहा है। इसकी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

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