Chara-Ghotala-case

नई दिल्ली : रांची की एक सीबीआई अदालत ने नौ सौ पचास करोड़ रुपये के चारा घोटाला में देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख जुर्माने की आज सजा सुनाई। अदालत ने लालू के दो पूर्व सहयोगियों लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा को सात वर्ष की कैद एवं बीस लाख रुपये के जुर्माने एवं बिहार के पूर्व मंत्री आर के राणा को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख जुर्माने की सजा सुनायी।

फैसला आने के बाद लालू के पुत्र और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पटना में कहा कि हम लालू प्रसाद की दोषसिद्धि के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और अदालत के फैसले का अध्ययन करने के बाद अपील दायर करेंगे। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, आर के राणा, जगदीश शर्मा एवं तीन वरिष्ठ पूर्व आईएएस अधिकारियों समेत 16 अभियुक्तों की सजा पर विशेष सीबीआई अदालत का फैसला आज शाम साढ़े चार बजे आया। अदालत ने सजा की घोषणा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की और सभी अभियुक्तों को बिरसामुंडा जेल में ही वीडियो लिंक से अदालत के सामने पेश कर सजा सुनायी गयी।

इससे पूर्व आज दिन में दो बजे सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव एवं राजद के दूसरे नेता आर के राणा एवं अन्य सभी आरोपियों की पेशी सजा सुनने के लिए जेल से ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करने के निर्देश दिये थे। अपने आदेश के लिए अदालत ने शाम चार बजे का समय निर्धारित किया था ।अदालत ने सजा के बिंदु पर कल लालू के वकीलों की बहस सुनी जिसमें उन्होंने बार बार उनकी लगभग सत्तर वर्ष की उम्र होने और बीमार होने की दुहाई दी थी। अदालत ने एक-एक कर बाद में अन्य शेष सात अभियुक्तों की भी सजा के बिन्दु पर उनकी उपस्थिति में बहस सुनी थी।

लालू यादव को अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 420, 467, 471एवं 477ए के तहत जहां साढ़े तीन वर्ष कैद एवं पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी वहीं उन्हें भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम:पीसी एक्टः की धारा 13 :2: के तहत 13:1: सी एवं डी के आधार पर दोषी करार देते हुए भी अलग से साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। अदालत ने बाद में स्पष्ट किया कि लालू की दोनों सजायें एक साथ चलेंगी।

जुर्माना न अदा करने की स्थिति में लालू यादव को छह माह अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी। इसी प्रकार, बिहार के पूर्व मंत्री एवं लालू के निकट सहयोगी रहे आर के राणा को अदालत ने भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी पाते हुए साढ़े तीन वर्ष कैद एवं पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। उन्हें भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13: 2: के तहत अलग से साढ़े तीन वर्ष कैद एवं पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी। राणा की भी दोनों सजायें एक साथ चलेंगी।

अदालत ने बिहार की लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष जगदीश शर्मा को सात वर्ष कैद एवं कुल बीस लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। इसके अलावा अदालत ने तीन पूर्व वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों महेश प्रसाद, फूलचंद एवं बेक जूलियस को साढ़े तीन-साढ़े तीन वर्ष कैद एवं पांच-पांच लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी।

सजा की अवधि तीन वर्ष से अधिक होने के चलते अब इन तीनों नेताओं एवं आइएएस अधिकारियों को जमानत के लिए झारखंड उच्च न्यायालय का रुख करना होगा। लालू प्रसाद के अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद ने बताया कि अदालत ने तर्क आधारित निर्णय नहीं दिया है और वह जमानत के लिए अगले सप्ताह ही झारखंड उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। फिलहाल लालू एवं अन्य सभी 15 दोषियों को बिरसा मुंडा जेल में ही रहना होगा।

LEAVE A REPLY