जयपुर. खरीदार इस वर्ष पहली मई से रियल एस्‍टेट विनियमन एवं विकास अधिनियम 2016 के तहत राहत पाने के हकदार हैं. वहीं केन्‍द्र सरकार ने राज्‍यों को आगाह किया है कि अगर उससे पहले कानून नहीं बनाए गएए तो इस अधिनियम के तहत जरूरी आवश्‍यक संस्‍थागत तंत्रों के अभाव में इस क्षेत्र में खालीपन की गंभीर स्थिति उत्‍पन्‍न हो सकती है। अभी तक केवल चार राज्‍यों एवं छह केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अंतिम रियल एस्‍टेट नियमों एवं कुछ राज्‍यों द्वारा अधिनियम के कुछ प्रावधानों के उल्‍लंघन की शिकायतों को अधिसूचित किये जाने के संदर्भ में केन्‍द्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उन्‍मूलन मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने पिछले सप्‍ताह मुख्‍यमंत्रियों से सही भावना और तरीके से अधिनियम का कार्यान्‍वयन सुनिश्चित करने में व्‍यक्तिगत दिलचस्‍पी लेने का आग्रह किया। 9 फरवरीए 2017 को सभी राज्‍यों के मुख्‍यमंत्रियों को लिखे एक पत्र में उन्‍होंने जोर देकर कहा किए ष्रियल एस्‍टेट अधिनियम इस क्षेत्र के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण सुधारों में एक है, जिससे सभी हितधारकों को लाभ पहुंचेगा। इसलिएए यह मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया आप इस मसले पर व्‍यक्तिगत ध्‍यान देंए जिससे कि इस अधिनियम का कर्यान्‍वयन सही समय और सही प्रकार से हो सकेए जिसके लिए इसे संसद द्वारा पारित किया गया था। नायडू ने मुख्‍यमंत्रियों को यह कहते हुए आगाह भी किया कि ष्उपयुक्‍त सरकारों से अधिकतम 30 अप्रैल 2017 तक रियल एस्‍टेट नियामकीय प्राधिकरणों एवं अपीली ट्रिब्‍यूनलों की स्‍थापना करने की अपेक्षा की जाती है।

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