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नयी दिल्ली: निचली अदालत के न्यायाधीशों के वेतन वृद्धि पर गौर करने के लिए एक पैनल गठित करने का प्रस्ताव कल मंत्रिमंडल की बैठक के समक्ष आने की संभावना है। एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने आज यह जानकारी दी। विधि मंत्रालय ने निचली अदालतों के 21,000 न्यायाधीशों के वेतन वृद्धि की सिफारिश के लिए द्वितीय न्यायिक वेतन आयोग नियुक्त करने का प्रस्ताव किया है। प्रस्तावित आयोग द्वारा अपनी सिफारिशें देने के बाद निचली अदालत के न्यायाधीशों / न्यायिक अधिकारियों को अपने वेतन पैकेज में वृद्धि मिलेगी।

निचली अदालतों के न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों को आखिरी वेतन वृद्धि साल 2010 में मिली थी, जो 1999 में तय किए गए उनके वेतन में तीन गुना की वृद्धि वाली थी। साल 2010 की वृद्धि पूर्व प्रभाव से एक जनवरी 2006 से लागू हुई। वहीं, प्रस्ताव के मुताबिक प्रस्तावित आयोग की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पीवी रेड्डी करेंगे। अभी शुरूआती स्तर के एक जूनियर सिविल जज का वेतन 45,000 रूपया है जबकि एक वरिष्ठ जज को 80,000 रूपये मिलते हैं। आयोग साल 2019 की शुरूआत में अपनी सिफारिशें सौंपेगा और एक बार फिर से वेतन वृद्धि पूर्व प्रभाव से दिए जाने की उम्मीद है। मई में उच्चतम न्यायालय का निर्देश आने के बाद यह कदम उठाया गया है।

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