जयपुर।’खूबसूरती के लिए दुनियाभर में पिंकसिटी के नाम से ख्यात जयपुर की आबोहवा दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है। रेन डांस पार्टी, पूल पार्टी और डांस पार्टियों में जमकर परोसी जा रही शराब और अश्लीलता के कारण अब जयपुर भी दूसरे महानगरों के नक्शेकदम पर है। न्यू ईयर ईव, वेलेंटाइन डे और फ्रेण्ड््स डे से लेकर हर वीकेण्ड पर होटलों के पूल-बार फुल रहते हैं। खास बात यह है कि शहर में सरेआम पार्टियां हो रही हैं, लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं होती, इसके लिए न तो इजाजत ली जाती है, न लाइसेंस। कुछ होटल स्थायी लाइसेंस के नाम पर पूल पार्टी आयोजित कर कानून की आंखों में धूल झोंक रहे हैं।

  • पूजा पाल जैन

शहर में बीयर की बयार बह रही है,…पूल पार्टियों में युवा झूम रहे हैं…डिस्को पार्टियों में धूम मची है…रईसजादों की रेव पार्टियों में नशे का व्यापार खुलेआम हो रहा है। दिन दूना-रात चौगुना पैसा कमाने के लालच में दिल्ली, चण्डीगढ़, मुम्बई-बंगलौर की तर्ज पर इस शहर में पूल पार्टी, डिस्को पार्टी और डांस पार्टी होने लगी हैं। शहर के पॉॅश इलाके की इन होटलों के मैनगेट के पीछे क्या होता है, इसका किसी को पता नहीं चल पाता। बिना अनुमति के ऐसे आयोजन के बावजूद पुलिस महकमा एक्शन नहीं लेता। गर्मी का सीजन होने के कारण फिलहाल दर्जनों होटलों में शाम को पूल पार्टी परवान पर होती है। असल में ये पार्टियां अय्याशी का अड्डा होती हैं। इन अय्याशी के अड्डों पर अर्धनग्न अवस्था और शराब के नशे में रईसजादे लड़के-लड़कियां मस्ती करते आसानी से देखे जा सकते हैं। खास बात यह है कि इन पार्टियों के लिए पुलिस और आबकारी विभाग से अनुमति लेना आवश्यक है। अनुमति लेना तो दूर इन विभागों को कानोंकान खबर भी नहीं होती। जयपुर में कहीं रेन डांस तो कहीं पूल पार्टी के नाम पर जमकर अय्याशी की जा रही है। होटल मालिक इन पार्टियों के नाम पर जमकर पैसा कमा रहे हैं। पुलिस की ‘बंधीÓ पहुंचते रहने पर इन होटलों का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता।

३००० में एंट्री और दो पैग
वीकएण्ड पर शनिवार व रविवार को रंगीन पार्टियों का आयोजन होता है। इन पार्टियों की फीस भी ऊंची होती है। जानकारों के मुताबिक पूल पार्टी में कपल से ३०००-५००० रुपए और सिंगल एंट्री २०००-४००० रुपए तक होती है। अधिकांश पार्टियों का एक ही चलन है- एंट्री के साथ व्हीस्की-वोदका या रम के दो पैग दिए जाते हैं। कभी-कभी सेलिब्रिटी बुलाने, मैन्यू में नॉनवेज, सी फूड या स्पेशल परोसे जाने की स्थिति में प्रति व्यक्ति एंट्री फीस १० हजार रुपए तक पहुंच जाती है। पिछले काफी समय से बार बालाओं को मुम्बई से बुलाने का चलन बढ़ गया है। ये बार बालाएं भी अर्धनग्न ठुमकों से रईसजादों की जेब ढीली करती है।
पार्टियां थीम बेस्ड
गर्मियों के इस सीजन में पूल पार्टियों को रईसजादे इन्हें पिकनिक स्पॉट और मनोरंजन ही मानते हैं। उनका कहना है कि लगातार बढ़ती गर्मी के बीच हैंग आउट करने के लिए पूल पार्टी से अच्छा कोई और डेस्टिनेशन हो ही नहीं सकता। इनका कहना है कि गर्मी से निजात पाने के लिए हिल स्टेशन से अच्छा पूल पार्टी करना है। हिल स्टेशन पर जाने में समय और पैसे दोनों ही ज्यादा खर्च होते हैं। वहीं इसके मुकाबले पूल पार्टी में सस्ते में व्यवस्था हो जाती है। होटल, रिसोट्र्स और क्लब भी रईसजादों के इस शगल को भांप चुके हैं और वे भी मुनाफा कमाने के लिए इन पूल पार्टी को थीम बेस्ड करने लगे हैं। जेठ का जश्न, आया सावन झूमके, टिप-टिप बरसा पानी आदि टैग लाइन के बहाने रईसजादों का मन बहलाया जाता है। खास बात यह है कि गर्मियों में होटल, रेस्त्रां और रिसॉर्ट इन दिनों को ऑफ सीजन मानते हैं, ऐसी पार्टियों से ऑफ सीजन में भी उनकी भरपूर कमाई हो जाती है।
बुकिंग वाट्स एप-फेसबुक से
मजे की बात है कि इन पूल पार्टियों और डिस्को पार्टियों का आयोजन भी अनोखे ढंग से होता है। यदि आप किसी होटल, रेस्त्रां में जाकर पूल पार्टी करने की बात करते हैं, तो वे ऐसी पार्टियां कराने के बारे में साफ इनकार कर देती हैं। ज्यादातर होटल, रेस्त्रां इसकी वजह उनके होटल में ठहरे हुए अतिथियों को होने वाली परेशानी बताते हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि अनजान लोगों को ऐसी बात कही जाती है, हकीकत में तो पार्टियों के आयोजन की जानकारी हरेक को नहीं मिल पाती। इसका प्रचार-प्रसार भी गुपचुप तरीके से किया जाता है। पर्सनल नम्बरों पर वाट्सएप और फेसबुक के जरिए बुकिंग होती है। आमतौर पर ग्राहकों और आयोजकों में गजब का तालमेल होता है। हर दिन जाने वाले लोगों को पता चल जाता है कि किस जगह पूल पार्टी होने वाली है किस जगह डिस्को पार्टी और कहां होगी रेव पार्टी। खास बात यह है कि वाट्सएप और फेसबुक से होने वाली बुकिंग की खबर कानों-कान दूसरों को नहीं होती है। जानकारों के मुताबिक ये लोग पहले सम्बंधित होटल में ठहरने की बुकिंग कराते हैं, इसका खर्चा भी फीस में शामिल रहता है।
पूल की आड़ में रेव पार्टी
ऐसी पार्टियों के अधिकतर ग्राहकों की उम्र १५ से २५ साल के बीच होती है। हरेक रसूखवाला होता है। उद्योगपतियों, मंत्रियों, पुलिस अधिकारियों और आईएएस अधिकारियों के नए रईसजादे ऐसी पार्टियों की शान बनते हैं, और समय पडऩे पर आयोजकों की मदद भी कर देते हैं। इन पार्टियों की आड़ में नशे का धंधा भी जमकर होता है। सूत्रों के मुताबिक कई बार इन पार्टियों में युवाओं को स्मैक,हेरोइन भी परोसी जाती है। पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लगती। कई बार तो पूल पार्टी या डिस्को डांस पार्टी कब रेव पार्टी में तब्दील हो जाती है, पता ही नहीं चलता। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि पूल पार्टी की आड़ में रेव पार्टी आयोजित की जाती है, लेकिन ये पहुंचे हुए आयोजक ही करते हैं और इसमें जयपुर के साथ-साथ दिल्ली, चण्डीगढ़, गुडग़ांव तक के युवा शामिल होते हैं।
नहीं लेते अनुमति
जयपुर में बिना किसी कानूनी पचड़े में फंसे बिना पूल पार्टी या डांस पार्टी आयोजित की जा सकती है। इसकी अनुमति के लिए पुलिस उपायुक्त जयपुर (पूर्व), पुलिस उपायुक्त जयपुर (पश्चिम), पुलिस उपायुक्त जयपुर (उत्तर) और पुलिस उपायुक्त जयपुर (दक्षिण) के यहां आवेदन करना होगा। आयोजन स्थल से सम्बंधित क्षेत्राधिकार वाले सम्बंधित पुलिस उपायुक्त जयपुर के यहां आवेदन करना होता है। आवेदन में आपको यह साफ तौर पर लिखना होता है कि कहां, कब और किसी तरह से पार्टी का आयोजन कर रहे हैं। उस पार्टी की पूरी डिटेल आवेदन में लिखनी होगी। इसके साथ सम्बंधित होटल, रेस्त्रां का बुकिंग लेटर भी लगाना होता है। इसके बाद सम्बंधित पुलिस उपायुक्त सम्बंधित पुलिस थाने को इसकी मेल भेजेगा, वहां से जांच अधिकारी मौका-मुआयना करके आएगा। उसकी जांच रिपोर्ट में कोई आपत्ति नहीं होने पर पार्टी आयोजित करने की अनुमति दी जाती है। यदि इस पार्टी में आप शराब का भी इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आबकारी विभाग से भी इसका अस्थायी लाइसेंस लेना होग। जांच के बाद एक दिन के लिए अस्थायी बार लाइसेंस जारी कर दिया जाता है।
इतनी सरल प्रक्रिया होने के बावजूद कोई अनुमति नहीं लेता और ऐसी डिस्को व पूल पार्टी में नियम-कानूनों की पूरी तरह से धज्जियां उड़ाई जाती है। मजे की बात यह है कि जो आयोजक अनुमति लेता है, उसकी पार्टी में संख्या कम रहती है, कारण अनुमति मिलते ही मामला आधिकारिक बन जाता है और ऐसी पार्टियों से ऐसे रईसजादे दूरी ही रखते हैं। पुलिस उपायुक्त जयपुर (पूर्व), (पश्चिम), (उत्तर) और पुलिस उपायुक्त जयपुर (दक्षिण) के यहां अभी तक पूल पार्टी के लिए किसी ने आवेदन नहीं किया। जब इनसे पूछा गया कि जब कोई अनुमति ही नहीं ले रहा तो शहर में पूल पार्टी कैसे चल रही हैं। इनका कहना है कि होटल और रेस्त्रां के अंदर क्या चल रहा है, इसका हमें पता ही नहीं होता है। बिना शिकायत के हम किसी पर कार्रवाई भी नहीं कर सकते। वैसे भी कार्रवाई करने की जिम्मेदारी सम्बंधित एसएचओ की होती है। यानी साफ तौर पर जाहिर है कि शहर में पुलिस से बगैर अनुमति के बेखौफ पूल पार्टियों का आयोजन किए जा रहा है और पुलिस भी शिकायत नहीं आने की मजबूरी बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रही है।

अभी तक किसी ने नहीं किया आवेदन
अभी तक हमारे यहां पूल पार्टी या डिस्को-डांस पार्टी की अनुमति के लिए किसी ने भी आवेदन नहीं किया है। यदि कोई आवेदन करता है तो हम उसकी पहले जांच कराएंगे। उसके बाद नियमानुसार अनुमति देने का फैसला करेंगे।
– मनीष अग्रवाल, पुलिस उपायुक्त जयपुर (दक्षिण)

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