पाठ्य पुस्तकों के प्रकाशन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाये -देवनानी

अजमेर. ब्राह्मण संघर्ष समिति ने ब्राह्मण समाज के विरूद्ध अपमानजनक टिप्पणी करने के विरोध में शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के इस्तगासा पेश किया। राजस्थान ब्राह्मण महासभा के जिलाध्यक्ष पण्डित सुदामा शर्मा ने अधिवक्ता अजय त्रिपाठी के माध्यम से दायर इस्तगासा पर वर्तमान बार एसोसियेशन के उपाध्यक्ष सत्यनारायण हावा, विवेक पाराशर, कृष्णगोपाल जोशी, योगेन्द्र ओझा, गौरव उपमन्यु, विवेक पारिक, ब्रजेश पाण्डे, मुकेश मिश्रा, पंकज मिश्रा, खुशबू पाराशर सहित 51 ब्राह्मण अधिवक्ताओं ने समर्थन में हस्ताक्षर किये। न्यायालय ने इस्तागासें को स्वीकार कर अगली सुनवाई 26 मई 2017 को करना तय किया। इस्तागासे में न्यायालय में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं सिविल न्यायाधीश (व.ख.) अजमेर में दायर फौजदारी परिवाद में परिवादी पण्डित सुदामा शर्मा बनाम वासुदेव देवनानी के विरूद्ध फौजदारी परिवाद अन्तर्गत धारा 499, 500, 501, 502 के अन्तर्गत पेश किया गया। परिवाद में बताया, 8 अप्रैल को अप्रार्थी वासुदेव देवनानी द्वारा पत्रकारों वार्ता के दौरान जिस लहजे से ब्राह्मण पण्डितों के विरूद्ध टिप्पणी की, उसके विडियो का कुछ अंश सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ, जिसमें उक्त वक्तव्य देते वक्त उनके द्वारा हंसते हुए समस्त ब्राह्मण समुदाय की खिल्ली उड़ाई, जिससे समुचा ब्राह्मण समाज आहत हुआ है. अप्रार्थी द्वारा अपने नाम के आगे प्रोफसर लगाने को लेकर एक याचिका राजस्थान हाईकोर्ट में ब्राह्मण पण्डित समुदाय के व्यक्ति द्वारा किये जाने पर जब उन्हें सम्बन्धित रिट याचिका के नोटिस मिले, तब उनके द्वारा सम्पूर्ण ब्राह्मण पण्डित समुदाय पर ही कटाक्ष करते हुए अपनी कुटिल व व्यंग्यात्मक हंसी व खिल्ली उड़ते हुए जिस लहजे में की, वह कदाचित उचित मुनासिब नहीं है और उनके इस कृत्य से उनके राजस्थान सरकार में उच्चासिन जिम्मेदार पद पर आसीन होने से सरकार की भी प्रतिष्ठा व साख को काफी धक्का पहुंचा है। जिसके लिये अप्रार्थी स्वयं व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार है।

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