Rajput
जयपुर। राजस्थान में अलवर, अजमेर और मांडलगढ़ सीट भाजपा हार गई है। तीनों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी जीते है। वो भी बड़े अंतर से। अजमेर से डॉ. रघु शर्मा, अलवर से डॉ. कर्ण सिंह यादव और मांडलगढ़ से विवेक धाकड़ ने धाकड़ जीत हासिल की है। यह कांग्रेस की तो जीत है, लेकिन इस जीत में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है राजस्थान के राजपूत और रावणा राजपूत समाज ने। इस समाज ने मतदान से पहले कांग्रेस को जिताने की घोषणा कर दी थी। यह पहली बार था, जब राजस्थान के राजपूत और रावणा राजपूत समाज ने भाजपा का दामन छोड़ा।
बाकायदा सभी राजपूत संगठनों श्री राजपूत सभा, करणी सेना, राजपूत करणी सेना, राजपूत विकास परिषद, रावणा राजपूत संगठन समेत अन्य सभी प्रमुख संगठनों ने एकराय होकर कांग्रेस प्रत्याशियों को बुलाकर समर्थन दिया और उन्हें जिताने के लिए गांव-ढाणी तक राजपूत-रावणा राजपूत नेताओं ने जनसम्पर्क किया। कसमें-वादे लिए भाजपा प्रत्याशियों को हराने और कांग्रेस को जिताने के लिए। राजपूत-रावणा राजपूत समाज का यह गुस्सा इसलिए था कि प्रदेश की भाजपा सरकार चार साल उनके समाज की मांगों पर ध्यान नहीं दे रही थी, बल्कि समाज पर दमनात्मक कार्रवाई करने के आरोप भी लगाए। राजपूत रावणा राजपूत संघर्ष समिति के प्रवक्ता दुर्ग सिंह खींवसर ने कहा कि जैसलमेर के चतर सिंह सोढा हत्याकांड, आनन्दपाल एनकाउंटर और पदमावती फिल्म को लेकर सरकार को कई बार ज्ञापन दिए, लेकिन सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया। जब समाज सड़क पर उतरा तो आंदोलन कुचलने के प्रयास किए गए।
राजपूत-रावणा समाज के नेताओं पर झूंठे मामले दर्ज करके प्रताड़ित किया गया। सैकड़ों युवाओं पर गलत मामले दर्ज किए। इससे समाज में गुस्सा था। समाज के विधायकों व मंत्रियों ने भी समाज की मांगों के समाधान के लिए कार्य नहीं किया, बल्कि समाज को नीचा दिखाने का प्रयास किया। समाज हमेशा से भाजपा को वोट देता रहा, लेकिन शायद इससे भाजपा और सरकार को गलतफहमी हो गई कि समाज भाजपा का दामन नहीं छोड़ सकता। तीनों सीटों पर राजपूत-रावणा राजपूत समाज ने कांग्रेस को समर्थन देकर भाजपा को हराया है। आगे भी समाज चुप नहीं बैठेगा।
राजपूत-रावणा समाज ने राजपूत बहुल गांवों, कॉलोनियों व क्षेत्रों में कांग्रेस को मत डलवाए।  भाजपा को हराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। राजपूत-रावणा राजपूत नेताओं ने भी तीनों सीटों पर कांग्रेस के समर्थन में जमकर प्रचार किया और वोट भी डलवाए। अगर आगे भी यहीं समर्थन रहा तो भाजपा के लिए विधानसभा में मुश्किल हो सकती है। यह मुश्किल राजपूत-रावणा राजपूत समाज ही करेगा। ये संकेत मिल गए हैं।

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