-सरकारी अस्पताल से निकलते ही नाक से बहने लगा था खून
उदयपुर. सरकारी अस्पताल में टीका (पेंटावेलेंट) लगवाने के बाद बच्ची की नाक से खून बहने लगा। करीब 15 मिनट ही हुए थे कि ढाई महीने के इस बच्ची की हालत बिगड़ गई। यह देख उसके पिता के होश उड़ गए। उसे फिर हॉस्पिटल लेकर आए। डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया। परिवार वालों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। उधर, इस घटना के कुछ देर बाद अस्पताल में टीकाकरण रोक दिया गया था। नए बैच की दवा उपलब्ध होने के बाद टीकाकरण शुरू हुआ। मामला उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल का है। देवाली (उदयपुर) निवासी लाल सिंह चौहान की बेटी सुधीक्षा का जन्म 13 अगस्त 2022 को हुआ था। इससे बड़ी दो बहनें हैं। बड़ी बहन सौम्या 7 साल की और छोटी अनिशा 3 साल की है। लाल सिंह होटल में जॉब करते हैं। बुधवार सुबह करीब नौ बजे लाल सिंह बेटी को तीन माह में होने वाले टीकाकरण के लिए बाल चिकित्सालय लेकर आए थे। टीका लगवाकर वो निकल गए। अपने घर करीब सवा नौ बजे पहुंचे। अभी गेट पर ही थे। देखा बच्ची जोर से हाथ-पैर हिला रही है। उसके नाक से खून बह रहा है। बिना घर में प्रवेश किए लाल सिंह बेटी को लेकर वापस अस्पताल के लिए रवाना हो गए। 10 मिनट के अंदर वह अस्पताल पहुंच गए थे।। यहां आईसीयू में ले जाकर डॉक्टर्स ने बच्ची के हाथ-पैर हिलाए, लेकिन कोई हलचल नहीं हुई। डॉक्टरों ने मासूम को मृत घोषित कर दिया। लाल सिंह कहते हैं- बच्ची को हंसता-खेलता लेकर आया था। टीका लगवाने के 25 मिनट के अंदर उसने दम तोड़ दिया। सुधीक्षा का जन्म 13 अगस्त 2022 को हुआ था। होटल में जॉ करने वाले पिता ने डॉक्टर्स पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा- बच्ची को हंसता-खेलता लेकर आया था। टीका लगवाने के 25 मिनट के अंदर उसने दम तोड़ दिया। पूरे मामले में परिवार ने डॉक्टर्स पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिवार वाले मेडिकल बोर्ड से बच्ची का पोस्टमॉर्टम कराने की मांग पर अड़ गए। डॉक्टर्स से भी परिवार वालों की बहस हुई। मौके पर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आरएल सुमन पहुंचे। उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली।
बच्ची को पेंटावेलेंट का टीका इंजेक्शन के जरिए नर्सिंग स्टाफ ने लगाया था। इसके बाद रोटा वायरस व ओरल पोलियो की दवा पिलाई गई थी। आरसीएचओ डॉ. अशोक आदित्य ने अपनी रिपोर्ट सीएमएचओ को दी है। जिस बैच का टीका लगाया गया था, उस बैच पर रोक लगा दी गई है। अस्पताल को नए बैच की दवा उपलब्ध कराई गई है। डॉ. आदित्य ने कहा- कई सालों से टीकाकरण हो रहा है। ऐसी घटना रेयर है। जिस बच्ची की टीका लगने के बाद मौत हुई, उसके साथ इसी उम्र के पांच और बच्चों को उसी समय टीके लगाए गए थे। बच्ची की मौत की सूचना के बाद उन बच्चों को घर से बुलाया गया। उन्हें डॉक्टर्स की निगरानी में रखा गया। ये सभी बच्चे स्वस्थ हैं। एमबी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आर एल सुमन ने कहा कि बच्ची की मौत कैसे हुई, इसकी जानकारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ही हो पाएगी। फिलहाल ऐसा लगता है कि टीका लगने के बाद नाक से जो खून बहा, वह फेफड़ों तक जाने से बच्ची की मौत हुई है।

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