जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों से शुक्रवार को अपने आवास पर मुलाकात की। उन्होंने प्रदेशभर से आए 200 से अधिक बच्चों के साथ आत्मीय संवाद करते हुए उनका हाल-चाल जाना तथा उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोविड से अनाथ हुए बच्चों की सार-सम्भाल पूरी प्रतिबद्धता से कर रही है। उन्होंने बच्चों को सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए खूब पढ़ाई व मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर घड़ी में आपके साथ खड़ी है। गहलोत ने कहा कि जीवन में चुनौतियां आती रहती है। सुख-दुःख का चक्र भी चलता रहता है। हमें फिर भी आगे बढ़ना होगा और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अथक प्रयास करने होंगे। इसके बाद गहलोत ने बच्चों के साथ भोजन किया और उपहार भेंट किये। गहलोत ने बच्चों से संवाद कर कोविड के बाद की स्थिति के बारे में जानकारी ली। बच्चों ने अनुभव साझा करते हुए राज्य सरकार द्वारा दी जा रही सहायता के लिए आभार व्यक्त किया। इस मौके पर गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अनाथ हुए बच्चों के जनाधार कार्ड नए सिरे से बनाएं, ताकि उन्हें योजनाओं का लाभ समय पर मिलें। साथ ही, उन्होंने बच्चों और उनके परिवार को आ रही समस्याओं का त्वरित समाधान कराने के भी निर्देश दिए। राज्य सरकार ने अनाथ हुए बच्चों, विधवाओं एवं उनके बच्चों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक संबल प्रदान करने के लिए संवेदनशीलता दर्शाते हुए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना की घोषणा की थी, जिसे 25 जून 2021 से सम्पूर्ण प्रदेश में लागू किया गया। योजना के अन्तर्गत प्रत्येक अनाथ बालक/बालिकाओं को तत्कालिक सहायता के रूप में 1 लाख रूपये की एकमुश्त व अन्य सहायता राशि तथा उसके 18 वर्ष की आयु होने पर 5 लाख रूपये की एकमुश्त सहायता राशि दी गई है। इस योजनान्तर्गत विधवा महिलाओं को 1 लाख रूपये की तत्कालिक सहायता के साथ ही 1500 रूपये प्रति माह पेंशन भी दी जा रही हैं। इसी तरह विधवा के बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक 1000 रूपये प्रतिमाह एवं 2000 रूपये वार्षिक दिये जा रहे हैं। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री बी.डी. कल्ला, स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, जलदाय मंत्री महेश जोशी, सार्वजनिक निर्माण मंत्री भजनलाल जाटव, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली, गृह राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह यादव, तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग, आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, विधायक अमीन कागजी, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा संगीता बेनीवाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं बच्चों के अभिभावक उपस्थित थे।

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