जयपुर। जयपुर एयरपोर्ट के रनवे विस्तार का रास्ता उस समय साफ हो गया, जब राजस्थान हाईकोर्ट में न्यायाधीश एम.एन. भंडारी की एकलपीठ ने राजस्व गांव बुधसिंहपुरा, खोखाबांस, सवाईचक गेटोर, मनोहरपुरा और सूरजपुरा में की गई भूमि अवा’ि को वैध ठहराया। हाई कोर्ट ने 20 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ताओं को मुआवजे के संबंध में निचली कोर्ट में अपनी आपत्तियां उठाने के लिये कहा है। निचली अदालत तय करेगी कि किसको कितना और किस अधिनियम के तहत मुआवजा देना है। रेफरेंस तय होने के बाद प्रभावित अपना कब्जा छोडेंगे और इस दौरान जेडीए उन पर कार्रवाई नहीं करेगा। जिन्होंने अवा’ि के बदले भूमि लेने के लिए जेडीए में प्रतिवेदन दे रखा है, उन्हें जेडीए 3 माह में तय करे। जेडीए की ओर से मामला तय होने के बाद प्रभावित निचली कोर्ट में दावा नहीं करेंगे। एयरपोर्ट प्रशासन को अवा’शुदा भूमि पर कब्जा लेना अनिवार्य हो तो वह कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश करेगी। एयरपोर्ट प्रशासन का कहना था कि कार्रवाई विधि सम्मत हुई है। जनहित में रनवे विस्तार के लिए भूमि की जरूरत है। इसके अलावा 85 फीसदी अवा’शुदा भूमि पर उन्होंने कब्जा प्रा’ कर लिया है।