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Syndicate Bank, loan scam, CBI custody

जयपुर। राजस्थान के बहुचर्चित सिंडिकेट बैंक के घोटाले में सीबीआई ने बैंककर्मियों समेत १८ जनों के खिलाफ चालान पेश किया है। सीबीआई ने सिंडिकेट बैंक की वैशाली नगर शाखा में हुए २.७० करोड़ रुपए के गबन मामले में यह चालान पेश किया है। सीबीआई ने आज वैशाली नगर शाखा के तत्कालीन सीनियर मैनेजर रघुनाथ प्रसाद बाकोलिया समेत १८ मुल्जिमों के खिलाफ सीबीआई मामलात की कोर्ट में चालान पेश किया है। फ र्जी दस्तावेज से ऋण उठाकर बैंक को करोड़ों रुपयों की चपत लगाने के मामले में सीबीआई ने 21 नवंबर, 2017 को मुकदमा दर्ज किया था।

सीबीआई के अनुसंधान अधिकारी अरुण कुमार गुप्ता ने इस मामले में अनुसंधान कर सीनियर बैंक मैनेजर रघुनाथ प्रसाद व अन्य के खिलाफ अपराध प्रमाणित माना और इस मामले में चालान पेश किया गया। सीबीआई के नोटिस पर हाजिर हुए आरोपी मोहनलाल चौधरी, अर्जुन सिंह चौहान, बर्खास्त हुए रघुनाथ प्रसाद बाकोलिया, हेमराज जैन, दातार सिंह शेखावत, सुरेन्द्र पारीक, खुशाल माथुर व उसकी पत्नी गौरी माथुर, सुशील कुमार झालानी, महेश चन्द जांगिड़ तथा गोपाल लाल सैनी को कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा में लिया। आरोपियों की पेश जमानत-मुलचकों पर कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया। कोर्ट की सूचना के बाद भी हाजिर नहीं होने पर आरोपी धर्मेन्द्र मैथ्यू, उसकी पत्नी मीता तथा बिल्डर शंकर खण्डेलवाल की पत्नी गुमान के खिलाफ कोर्ट ने अरेस्ट वारन्ट जारी किए हैं। अन्य मुकदमे में जेल में होने के कारण शंकर खण्डेलवाल के खिलाफ विशिष्ट न्यायाधीश बुद्धि प्रकाश छंगाणी ने प्रोडक्शन वारंट जारी कर 5 फ रवरी को तलब किया है।

मामले में आरोपी असिस्टेंट मैनेजर प्रिया पारीक के खिलाफ अभी अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है। सीबीआई ने शंकर और गुमान की कं पनियों जयपुर लेण्ड मार्क तथा रॉयल स्टार एन्टरप्राइजेज को भी दोषी मानते हुए 18 मुल्जिमों में शामिल किया है। सीबीआई ने आरोपी इन्द्रा देवी व रामचन्द्र जाट के खिलाफ चालान पेश नहीं किया है। गौरतलब है कि सिंडिकेट बैंक घोटाले में एक हजार करोड़ का स्कैम सामने आ चुका है। बिल्डर शंकर खण्डेलवाल, सीए भरत बंब आदि ने सिंडिकेट बैंक के मैनेजरों और आला अफसरों से मिलीभगत करके इस स्कैम को अंजाम दिया था। इन्होंने सोची समझी साजिश के तहत दूसरे लोगों के नाम से फर्जी दस्तावेज पेश करके लाखों-करोड़ों रुपये के लोन उठाए और उस लोन राशि को बैंक में जमा नहीं करवाई। जयपुर, उदयपुर आदि सिंडीकेट बैंक की शाखाओं में इस तरह के घोटाले किए गए। सीबीआई के अनुसंधान में कई मामले दर्ज किए गए हैं और यह घोटाला एक हजार करोड़ रुपए का सामने आया है। शंकर खण्डेलवाल, भरत बंब के अलावा कई बड़े व्यापारी भी इस घोटाले में लिप्त बताए जाते हैं, जिनकी जांच सीबीआई और ईडी भी कर रही है। मामले में कुछ आला बैंक अफसर भी गिरफ्तार हो चुके हैं। सीबीआई और ईडी ने आरोपियों की सम्पत्तियां भी अटैच कर रखी है। सिंडिकेट बैंक घोटाले को लेकर जनप्रहरी एक्सप्रेस ने भी इस स्कैम को लेकर श्रृंखलाबद्ध समाचार प्रकाशित किए हैं।

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