जयपुर। पीएनबी बैंक घोटाले के बाद एक कंपनी के कर्ताधर्ता निदेशकों की भी आठ सौ करोड़ रुपए का लोन शक के दायरे में है। यह कंपनी कानपुर की रोटोमैक कंपनी है। इसके मालिक है विक्रम कोठारी, जिन्होंने करीब आधा दर्जन सरकारी बैंकों से आठ सौ करोड़ रुपए से अधिक लोन ले रखा है, लेकिन बैंक लोन चुका नहीं पा रहे हैं। आरोप लग रहे हैं इन्होंने भी फर्जी तरीके से बैंकों से लोन लिया है और वे भी लोन चुकाने में समर्थ नहीं है।
विक्रम कोठारी भी नीरव मोदी की तरह विदेश चले गए हैं। आरबीआई की सूचना के मुताबिक, विक्रम कोठारी व उनकी कंपनी ने इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से आठ सौ करोड़ से अधिक का लोन ले रखा है। सर्वाधिक लोन करीब पांच सौ करोड़ रुपए तो अकेले यूनियन बैंक से लिया है। चर्चा है कि उसने नियम कायदों को धत्ता बताते हुए अफसरों की मिलीभगत से यह लोन मंजूर करवाया है। ना तो बैंक लोन लौटाया है और ना ही किश्त दे रहा है।
जिस कंपनी के नाम पर इतना बड़ा लोन उठाया गया है, वह कंपनी भी कुछ दिनों से बंद पड़ी है। कार्यालय पर ताले लगे हुए हैं। कंपनी के मालिक व दूसरे निदेशकों का अता-पता नहीं है। अंदेशा है कि वे देश छोड़ गए हैं। विक्रम कोठारी के इस फर्जीवाड़े के बाद बैंकों की अब आंखें खुल रही है। वह कंपनी की सम्पत्तियों को तलाश रही है, ताकि उन्हें जब्त करके पैसा लिया जा सके।