नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की अवमानना को लेकर चर्चा में आए कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस सीएस कर्णन सोमवार को रिटायर हो रहे हैं। वे हाईकोर्ट के ऐसे जज बनने जा रहे हैं जो रिटायर होने के दौरान फरार ही हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के मामले में 6 माह की सजा सुना रखी है। सजा सुनाए जाने के बाद से ही वे 10 मई से लापता है।

सुप्रीम कोर्ट से जस्टिस कर्णन की गिरफ्तारी का आदेश जारी होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर सहित 6 अन्य जजों को एससी/एसटी एक्ट के तहत 5 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी आदेश मिलने के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस के वरिष्ठ अफसरों की एक टीम जस्टिस कर्णन के चैन्नई स्थित आवास पर पहुंची। लेकिन उन्हें पकड़ पाने में वह नाकाम रही।

जस्टिस कर्णन कहां है इस बात का पता आज तक भी नहीं लग पाया है। बता दें जस्टिस कर्णन पर पीएम नरेन्द्र मोदी, कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद व सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार को सुप्रीम व हाईकोर्ट के मौजूद व सेवानिवृत्त जजों के बारे में अपमानजनक पत्र लिखने का आरोप है। उन्होंने कुछ मामलों में भ्रष्टाचार व जातिगत भेदभाव का भी आरोप लगाया तो हाईकोर्ट कॉलेजियम के फैसले को मद्रास हाईकोर्ट से कोलकाता हाईकोर्ट में शिफ्ट कर दिया था।

-प्रेस कांफ्रेस में दिखे आखिरी बार
सुप्रीम कोर्ट से गिरफ्तारी आदेश जारी होने के करीब एक घंटे बाद जस्टिस कर्णन चैन्नई में आखिरी बार एक प्रेस कांफ्रेंस में देखे गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को खारिज करते हुए कहा कि वे पहले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रद्द करने वाला आदेश दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सुबह 11 बजे आदेश जारी किया। जबकि मैंने सुबह 11.20 पर ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश को रद्द करने का आदेश दिया।

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