जयपुर। राजस्थान के जोधपुर जिले में स्थित एक गांव में पेड़ बचाने को लेकर फिर वो वाकिया सामने आया, जो 230 साल पहले खेजड़ी को बचाने के लिए अमृता देवी सहित 363 लोगों ने अपनी जान दी। इस बार के वाकिये में अंतर सिर्फ इतना था कि उस घटना के दौरान राजा के कारिंदों ने यह दरिदंगी की थी। जबकि इस बार तो राज के कर्णधार कहे जाने वाले सरपंच व उसके साथियों ने एक 20 वर्षीय युवती को पेड़ बचाने की खातिर जिंदा जला दिया। यह दिल दहलाने वाली घटना सामने आई जोधपुर से 100 किमी. दूर हरियाढाणा गांव में। जहां अपने खेत में लगे पेड़ को बचाने के खातिर युवती ललिता सरपंच से जिद गई। ग्रामीणों के मुताबिक सरपंच उसके खेत से होकर सड़क बनाना चाहता था। जबकि सड़क बनाने के लिए सरपंच पेड़ काटने को उतारु था। उसने विरोध किया तो सरपंच व उसके साथियों ने युवती पर पेट्रोल छिड़क कर उसे आग के हवाले कर दिया। आग लगने के बाद ललिता मदद के लिए इधर-उधर दौड़ी, लेकिन मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। बाद में उसकी बहन आई और उसने मामले की सूचना पुलिस को दी। जहां उसे अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। मृतका ललिता के परिवार ने आरोप लगाया कि गांव में बन रही सड़क को सरपंच, पटवारी व अन्य लोग जबरन उसके खेतों के बीच से निकालने की कोशिश कर रहे थे। सड़क के लिए वे पेड़ों की कटाई करने पर उतारु थे। थानाधिकारी सुरेश चौधरी ने बताया कि विवाद सड़क निर्माण को लेकर था। सरपंच, पटवारी व अन्य लोग ललिता के परिवार की कृषि भूमि से सड़क निकालने का प्रयास कर रहे थे। इस दौरान कुछ पेड़ों को काटा जाना था। लेकिन ललिता पेड़ों की कटाई के मामले में अड़ गई तो प्रकरण सामने आया। आरोप है कि सरपंच, पटवारी और अन्य लोगों ने पेट्रोल डालकर लड़की को जिंदा जला दिया। मृतका का शव मोर्चरी में रखा दिया है। मामले में जांच की जा रही है। आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी होगी। इधर मृतका के भाई ने मीडिया के समक्ष कहा कि सरपंच रणवीर सिंह, पटवारी ओमप्रकाश, श्रवण सिंह, हिम्मत सिंह, मदन सिंह, सुरेश, बाबू और भैंरु बख्श जब हमारे खेतों से सड़क निकालने व पेड़ों को काटने पर आमादा थे। मेरी बहन ने विरोध किया उक्त लोगों ने उस पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी। मृतका के परिजनों ने आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की है।

-जनप्रहरी एक्सप्रेस की ताजातरीन खबरों से जुड़े रहने के लिए यहां लाइक करें।

LEAVE A REPLY