जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्थान में रोजाना दुष्कर्म की 10 से ज्यादा घटनाएं होना गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे कांग्रेस शासन के समय दहाड़ा करती थी कि जिस सरकार में बच्चियों के साथ दुष्कर्म हो उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है, उन्हें चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।

मुख्यमंत्री क्या अब अपनी खुद की सलाह पर अमल करेंगी?  गहलोत ने एक बयान में कहा कि पुलिस मुख्यालय की तिमाही रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि इस वर्ष मार्च तक 90 दिन में सरकार की नाक के नीचे जयपुर रैंज में ही 183 महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं सामने आई हैं। जहां तक प्रदेश का संबंध है इसी अवधि में 966 महिलाओं को निशाना बनाया गया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पुलिस का इकबाल पूरी तरह खत्म हो चुका है। ये बात दीगर है कि गृहमंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया अपने महकमे को लेकर बड़ी-बड़ी डींगें मारते हैं। जबकि हकीकत में उनकी कोई सुनता नहीं। महिला मुख्यमंत्री खुद संवेदनहीन बनी हुई हैं।

महिला सशक्तिकरण करने की बातों में तो वो आगे हैं मगर हकीकत में आज महिलाएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। महिलाओं को घर से निकलने में डर लगने लगा है। बच्चियां तो आज के भाजपा शासन काल में घर में भी सुरक्षित दिखाई नहीं दे रही। गहलोत ने कहा कि सरकार ने 12 वर्ष तक की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के आरोपियों को मौत की सजा देने का विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर इतिश्री तो कर ली लेकिन प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। अपराधियों में पुलिस का भय खत्म हो चुका है। अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। पीड़ितों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लगता है मुख्यमंत्री प्रशासन पर अपनी पकड़ पूरी तरह खो चुकी हैं।

LEAVE A REPLY