जयपुर। यूपी समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में खम ठोकने वाले कई नेताओं और उनके पुत्रों की चल-अचल सम्पत्तियों में बेतहाशा वृद्धि हुई। यह वृद्धि दस से सौ फीसदी तक रही, वो भी पांच साल के कार्यकाल के दौरान। अब आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू के बेटे लोकेश नारा की सम्पत्ति के खुलासे ने देश को चौंका दिया है। नारा की सम्पत्ति 14 करोड रुपए से बढ़कर 330 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। यह मात्र पांच महीने में बढ़ी है। चुनाव आयोग को सौंपे गए हलफनामे में लोकेश नारा की सम्पत्ति का खुलासा हुआ है। नारा ने अक्टूबर 2016 में अपनी सम्पत्ति 14.5 करोड़ रुपए बताई थी। मार्च में यह सम्पत्ति 330 करोड़ रुपए पहुंच गई है। लोकेश नारा को मुख्यमंत्री पिता चन्द्रबाबू नायडू अपने मंत्रिमण्डल में शामिल करने जा रहे हैं। नारा की पांच महीने में बढ़ी इतनी सम्पत्ति को सुनकर हर कोई हैरान है। वहीं जनता में यह सवाल खूब चल रहा है कि आखिर नेता और नेता पुत्रों की सम्पत्ति कुछ महीनों व कुछ सालों में दस से सौ फीसदी तक कैसे बढ़ जाती है। वे ऐसा क्या करते हैं, जो इतनी जल्द तरक्की कर जाते हैं। सत्ता में बैठे होने के बावजूद जल्द तरक्की और सफलता का राज गरीब जनता को क्यों नहीं बताते, जिससे वे भी अपने जीवन स्तर सुधार सके। वहीं दबे स्वर नेता व नेता पुत्रों की सम्पत्तियां बढऩे के पीछे भ्रष्टाचार को बताया जाता है। इससे ही वे लखपति से करोड़पति और अरबपति हो जाते हैं। वो कुछ मात्र महीनों व सालों में। क्योंकि अधिकांश के पास कोई बिजनेस भी नहीं है।
– हलफनामे से सामने आया सम्पत्ति का सच
लोकेश नारा तेलुगू देशम पार्टी के महासचिव है और वे एमएलसी चुनाव में खड़े हो रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग को हलफनामा दिया है। इसमें खुद की 330 करोड रुपए सम्पत्ति बताई है। वहीं अक्टूबर 2016 में लोकेश नारा ने 14.5 करोड़ रुपए की सम्पत्ति होने का ब्योरा दिया था। नारा ने हलफनामा में बताया कि उनके परिवार द्वारा संचालित हेरिटेज फूड्स कंपनी में 273.84 करोड़ के शेयर हैं। 18 करोड़ की अचल संपत्ति और 38.52 करोड़ की पुश्तैनी संपत्ति बताई है। करीब सवा छह करोड़ रुपए की देनदारी बताई है।

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