सिडनी। आस्ट्रेलिया के समुद्री क्षेत्र में दो सिरों वाली शार्क मछलियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वैज्ञानिक इस बदलाव को लेकर हैरान और चिंतित हैं। हालांकि अब तक वे किसी ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सके हैं कि इन शार्क मछलियों में बदलाव की वजह क्या है और तेजी से इनकी संख्या क्यों बढ़ रही है। साथ ही यह भी कि इस बदलाव के बाद कितनी मछलियां कितने समय तक इस स्थिति में जिंदा रह पाएंगी। वैज्ञानिक यह भी नहीं समझ पा रहे हैं कि मछलियों में यह बदलाव पर्यावरण के लिए क्या संदेश दे रहा है। बहरहाल कुछ विशेषज्ञ इसका कारण इन मछलियों के आतंरिक प्रजनन में दिक्कत बता रहे हैं। इसके तहत शार्क मछलियों के अधिक शिकार से इनकी संख्या में कमी हो रही है। इससे शार्क की अलग-अलग प्रजातियां आपस में प्रजनन करती हैं, जिससे इनसे पैदा हो रहे बच्चों में ऐसी अनुवांशिक असमान्यताएं सामने आ रही हैं। हाल ही में स्पेनिश शोधकर्ताओं को आर्कटिक सागर क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में दो सिर वाली शार्क मछलियां मिली हैं। विशेषज्ञ ब्लू शार्क में इस तरह का बदलाव तेजी से देख रहे हैं। उनके मुताबिक ब्लू शार्क एक बार में करीब 50 बच्चे पैदा कर सकती हैंए जिनमें कई बच्चे दो सिरों वाले हो रहे हैं। 2008 में पहली बार आस्ट्रेलियाई मछुआरे क्रिश्चियन जॉनसन को दो सिरों वाली शार्क मछली अपने जाल में फंसी मिली थी। 2011 में मैक्सिको के समुद्री क्षेत्र में दो सिर वाली शार्क मिली, जिसके दोनों सिरों में मिलाकर सिर्फ एक आंख थी। 2013 में फ्लोरिडा के मछुआरों के जाल में बुल शार्क मछली फंसी। इसके गर्भाशय में बड़ी संख्या में दो सिर वाली शार्क मछलियों के भ्रूण थे।

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