A young man in a barber lion enclosure with liquor bottles and crackers

delhi. केन्‍द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एशियाई शेरों की दुनिया की आखिरी मुक्‍त विचरण करने वाली आबादी की सुरक्षा और संरक्षण के उद्देश्‍य से एशियाई शेर संरक्षण परियोजना की शुरूआत की है। एक समीक्षा बैठक के दौरान केन्‍द्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि एशियाई शेर संरक्षण परियोजना अत्‍याधुनिक तकनीकियों/उपकरणों, नियमित वैज्ञानिक अनुसंधान अध्‍ययनों, रोग प्रबंधन, आधुनिक निगरानी/गश्‍त तकनीकियों की मदद से एशियाई शेरों के संरक्षण और उनकी आबादी बढ़ाने के चल रहे प्रयासों को और मजबूत बनाएगी। उन्‍होंने यह भी कहा कि तीन वर्षों के लिए इस परियोजना का कुल बजट लगभग 9784 लाख रुपये है, जो केन्‍द्रीय प्रायोजित योजना-वन्‍य जीवन आवास का विकास (सीएसएस-डीडब्‍ल्‍यूएच) से वित्‍त पोषित किया जाएगा। इस निधि में केन्‍द्र और राज्‍यों का योगदान हिस्‍सा क्रमश: 60 और 40 के अनुपात में होगा।

एशियाई शेयर कभी ईरान से पूर्वी भारत के पलामू तक पाये जाते थे। अंधाधुंध शिकार और इनके आवास कम होने के कारण ये लगभग विलुप्‍त हो गये थे। 1890 दशक के अंत में गुजरात के गिर वनों में 50 से भी कम शेरों की जनसंख्‍या रह गई थी। राज्‍य सरकार और केन्‍द्र सरकार के द्वारा समय रहते कड़ी सुरक्षा प्रदान किए जाने के कारण एशियाई शेरों की वर्तमान जनसंख्‍या बढ़कर 500 से अधिक हो गई है। वर्ष 2015 में की गई शेरों की जनगणना से पता चला है कि 1648.79 वर्ग किलोमीटर के गिर संर‍क्षित क्षेत्र नेटवर्क में एशियाई शेरों की जनसंख्‍या 523 थी। इस पूरे नेटवर्क क्षेत्र में गिर राष्‍ट्रीय पार्क, गिर अभ्‍यारण्‍य, पानिया अभ्‍यारण्‍य, मितियाला अभ्‍यारण्‍य के आसपास का आरक्षित वन, संरक्षित वन और अवर्गीकृत वन शामिल हैं।

एशियाई शेरों का संरक्षण करना भारत सरकार की सदैव प्राथमिकता रही है। मंत्रालय ने विगत में गुजरात में एशियाई शेरों को मदद करने के लिए इनकी जनसंख्‍या वृद्धि कार्यक्रम और वित्‍तीय सहायता के लिए, सीएसएस-डीडब्‍ल्‍यूएच के वन्‍य प्रजातियों की संख्‍या बढ़ाने वाले घटक के तहत बहाली कार्यक्रम और वित्‍तीय सहायता के लिए 21 गंभीर रूप से लुप्‍तप्राय: प्रजातियों की सूची में एशियाई शेरों को शामिल किया था। शेरों की अनुषंगी आबादी के लिए परियोजना गतिविधियों में आवास सुधार, वैज्ञानिक हस्‍तक्षेप, रोग नियंत्रण एवं पशु चिकित्‍सा देखभाल और पर्याप्‍त पारिस्थितिकी विकास कार्यों को शामिल किया गया है। इनका उद्देश्‍य देश में एक स्थिर और व्‍यवहार्य शेर आबादी सुनिश्चित करना है।

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