नई दिल्ली। नोटबंदी के चलते आम लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए केन्द्र सरकार ने एक हजार और पांच सौ रुपए के पुराने नोटों को जरूरी सेवाओं के लिए इस्तेमाल की सीमा 14 नवंबर से बढ़ाकर 24 नवंबर कर दी है। प्रधानमंत्री आवास पर एक अहम बैठक के बाद यह फैसला किया गया। साथ ही नोटबंदी से पैदा हुए हालात की समीक्षा की गई। पैसों की कमी की वजह से लोगों में पनप रहे अधैर्य और गुस्से के बारे में चर्चा की गई। पीएम मोदी ने इस मीटिंग में उन स्टेप्स के बारे में विस्तार से बात की, जो कैश की सप्लाई को सुधारने के लिए उठाए गए हैं। 500 और 1000 के पुराने नोट जरूरी सेवाओं में स्वीकार किए जाने की सीमा 14 नवंबर से बढ़ाकर 24 नवंबर की मध्यरात्रि तक कर दी गई है। बैंकों को कम से कम 50 हजार रुपये तक कैश लिमिट बढ़ाने की सलाह दी गई है। वहीं एटीएम के रेकैलिब्रेशन की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए रणनीति बनाने को कहा गया ताकि लोग नई मुद्रा को जल्द से जल्द प्राप्त कर सकें। अधिक आबादी वाले इलाकों में माइक्रो एटीएम की संख्या बढ़ाई जाएगी। साथ ही बैंकों में सीनियर सिटिजन्स और दिव्यांगों के लिए अलग से लाइन लगाने को कहा।
वित्त मंत्रालय के आदेश पर सोमवार से एटीएम से एक बार में विड्रॉल करने की लिमिट 2000 से बढ़ाकर 2500 कर दी गई है। वहीं कैश एक्सचेंज की लिमिट को 4000 से बढ़ाकर 4500 कर दी गई है। बैंक काउंटर्स से वीकली विड्रॉल की लिमिट को 20 हजार से बढ़ाकर 24 हजार कर दिया गया है। वहीं रोज 10 हजार विड्रॉल लिमिट को भी बढ़ाया गया है। सरकारी अस्पतालों, रेलवे टिकट बुकिंग काउंटर, सरकारी बसों और एयरलाइन टिकट काउंटर, सरकारी कंपनियों के अधिकृत टोल, डीज़ल और गैस स्टेशन, राज्य और केंद्र सरकार अधिकृत को.ऑपरेटिव स्टोर, राज्य सरकारों के मिल्क बूथ और श्मशान घाटों पर 1000 और 500 के पुराने नोट स्वीकार किए जाएंगे। जो हॉस्पिटल और बिजनस हाउसेज चेक और डिमांड ड्रॉफ्ट या ऑनलाइन पेमेंट को स्वीकार नहीं कर रहे हैं उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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