जयपुर। जयपुर नगर निगम से जुड़े 23 करोड़ पीएफ घोटाले को लेकर जहां भविष्य निधि कार्यालय राजस्थान ने निगम प्रशासन को नोटिस देकर यह राशि जमा कराने को कहा है, वहीं इस मामले में जयपुर नगर निगम कोई कानूनी लाभ नहीं उठा सके, इसके लिए नगर निगम जयपुर की पूर्व मेयर और मामले को उठाने वाली ज्योति खण्डेलवाल ने हाईकोर्ट में केवियट दायर की है, ताकि मामले में एक पक्षीय फैसला नहीं हो सके और उन्हें भी मामले में सुना जा सके। ज्योति खण्डेलवाल की शिकायत पर पीएफ कार्यालय जयपुर द्वारा जांच के बाद ठेकेदारों, कंपनियों और नगर निगम को दोषी मानते हुए 23 करोड की राशि जमा कराने के आदेश दिए हैं। इससे निगम में खलबली मची हुई है। पीएफ कार्यालय के इस आदेश को नगर निगम प्रशासन हाईकोर्ट में चुनौती देने की कवायद में लगा है। इसे देखते हुए ज्योति खण्डेलवाल ने हाईकोर्ट में केवियट दायर की है। ज्योति खण्डेलवाल ने पीएफ, ईएसआई एवं सेवाकर विभाग में शिकायत करके बताया था कि जयपुर नगर निगम में कार्यरत अस्थाई कर्मचारियों के वेतन से पीएफ तो काटा जा रहा है, लेकिन इस राशि को भविष्य निधि के खातों में ठेकेदार और कंपनियां जमा नहीं करा रही है। इससे कर्मचारियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा है, वहीं पीएफ राशि जमा नहीं कराकर कंपनी व ठेकेदार अपराध भी कर रहे हैं।

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