जयपुर। गुर्जर समाज समेत पांच जातियों के लिए तय एसबीसी आरक्षण को लेकर शासन सचिवालय में मंत्रिमण्डलीय उप समिति की बैठक तो हुई, लेकिन इस बैठक में गुर्जर समेत पांच जातियों के प्रतिनिधि नहीं आए। इनके बिना ही समिति में शामिल मंत्रियों को बैठक करनी पड़ी। बताया जाता है कि राज्य सरकार से कोई आरक्षण मामले में कोई राहत नहीं देख गुर्जर समाज के नेता मीटिंग में नहीं पहुंचे। उधर, मीटिंग के बाद सरकार ने कहा है कि विशेष पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के सम्बन्ध में गठित मंत्रिमण्डलीय उपसमिति सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा नियुक्तियों के सम्बन्ध में चयन की प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात एवं नियुक्ति से पूवज़् के प्रकरणों में अन्तिम रूप से नियुक्ति देने योग्य मानने पर सैद्धान्तिक सहमत है। राजस्थान उच्च न्यायालय के दिसम्बर, 2016 व सर्वोच्च न्यायालय के अन्तरिम आदेश के परिपे्रक्ष्य में कानूनी राय प्राप्त कर सरकार इस दिशा में आगे बढ़ेगी। मंत्रिमण्डलीय उप समिति ने अधिकारियों के साथ बैठक कर जहॉ पाईप लाईन की नियुक्तियों के प्रकरणों के सम्बन्ध में अपनी प्रतिबद्धता को पुन: दोहराया, वहीं मंत्रिमण्डलीय उप समिति ने कहा कि राज्य सरकार विशेष पिछड़ा वर्ग को दिये गये 5 प्रतिशत आरक्षण को पुर्नस्थापित करने के लिए प्रयासरत है। इस वजह से ही राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका लगाई है। इस मीटिगं में ग्रामीण विकास पंचायती राज मंत्री राजेंद्र सिंह राठौड़, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. अरूण चतुर्वेदी, सामान्य प्रशासन मंत्री हेमसिंह भडाना, महाधिवक्ता एन.एम. लोढा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक जैन सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में गुर्जर समाज की उन मांगों पर भी विचार किया गया, जिस पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकार ने इन मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया है।

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