जयपुर। पुलिस कमिश्नरेट के महिला शक्ति आत्मरक्षा निःषुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत रामबाग स्थित एस. एस. जैन सुबोध महाविद्यालय की 630 छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रषिक्षण दिया गया।
पुलिस महानिदेषक श्री भूपेन्द्र सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित छात्रों-छात्राओं एवं षिक्षकों को कहा कि हमारी यह मंषा थी की छात्राओं को आत्मऱक्षा का प्रषिक्षण दिया जाना चाहिए। इस प्रषिक्षण कार्यक्रम को राजस्थान के सभी जिलों मंे लागू किया गया जिसमें खासकर जयपुर पुलिस ने इस आत्मरक्षा के प्रषिक्षण कार्यक्रम पर तत्काल अमल किया। जयपुर शहर में अब तक लगभग 4 हजार छात्राओं को प्रषिक्षण दिया जा चुका है। आज के समय में लडकियों के लिये जीवन के सभी क्षेत्रों में अवसर बढ रहे है, मोबिलिटी बढ रही है। अपने कामकाज व पढाई के लिए दूर-दूर तक जाना पडता है।
स्वाभाविक है कि ऐसे माहौल बहुत आते है जिसमे असुरक्षा का सामना करना पडता है। हमारे मन में यह विष्वास होना चाहिये कि हम अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सके। यह करना समाज की जिम्मेदारी है, पुलिस प्रषासन की जिम्मेदारी है और निजी तौर पर इसकी तैयारी की भी जरूरत है। यह प्रषिक्षण इसी तैयारी का हिस्सा है। इस प्रषिक्षण में कुछ महत्वपूर्ण ट्रिक्स व विष्वास की भावना भी सिखाई गयी है। यदि समस्या आई तो हम सामना कर सकते है। इस प्रषिक्षण कार्यक्रम में पुलिस के नये कानूनों व व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी जाती है एवं आपात स्थिति में मदद किस प्रकार से ले सकते है। इन सभी पक्षों के बारे में प्रषिक्षण में जानकारी दी गयी है। उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों में युवाओं को भी मादक पदार्थों के सेवन व हथियारों के आकर्षण से बचाया जायेगा। इसके लिए भी कार्यक्रम तैयार किया जायेगा।
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त द्वितीय श्री अजयपाल लाम्बा ने कहा कि छात्राओं ने डेमो के दौरान अपनी विलक्षण प्रतिभा का प्रदर्षन किया वह काबिले तारीफ है। हमारा उद्वेष्य बालिकाओं व महिलाओं को सुरक्षित रखना है एवं सुरक्षित वातावरण उपलब्ध करवाकर पूरे जयपुर को सैफ सिटी के रूप मंे विकसित करना है। यह प्रषिक्षण लेना तभी सार्थक होगा जब आप मानसिक रूप से भी परेषानियों का सामना करने को तैयार रहेंगे। इस वर्ष के अंत तक 3 लाख बालिकाओं को प्रषिक्षित किये जाने का हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि इस प्रषिक्षण के प्रति महिलाओं का आकर्षण बढता जा रहा है। अब प्रषिक्षकों की संख्या भी बढाई जायेगी। आपके साथ कोई भी छोटी सी घटना घटित हो या किसी भी प्रकार की पीडा हो तो उसे छुपाये नहीं, दबाये नहीं। समाज के भय से हम घटना या पीडा को दबा लेते है तो उसका अंजाम बडे अपराध के रूप में सामने आता है। आपकी छोटी सी भी बात हो तो प्रषिक्षण देने वाली पुलिसकर्मियों को बताये। किसी भी परेषानी के लिये 100 या 112 नम्बर पर जानकारी दे दें इसमें आपका नाम एवं आपकी पहचान उजागर नहीं होगी और निष्चित रूप से आपकी समस्या का शत् प्रतिषत समाधान होगा।
छात्राओं ने डेमों के दौरान कोई एक हाथ पकडे तो, एक हाथ को दोनो से पकडे तो, कोई दोनों हाथों को पकड तोे, कोई बाल पकड ले तो, कोई दोनो हाथो से बाल पकड ले तो उसे कैसे छुडाया जायें, का उत्साहवर्धक प्रदर्षन किया है।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में काॅलेज के प्राचार्य डा0 के0 बी0 शर्मा ने अपने स्वागत उदबोधन में महाविद्यालय की उपलब्धियों एवं महाविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रमों के बारे में जानकारी दी एवं उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में सुबोध षिक्षा समिति के मानदमन्त्री श्री सुमेर सिंह बोथरा, काॅलेज संयोजक श्री विनय चण्डाका, सदस्य श्री विवेक लोढा ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम मंे पुलिस उपायुक्त कम्यूनिटी पुलिसिंग श्रीमती प्रीति जैन, पुलिस उपायुक्त मैट्रो मोनिका सैन, अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त श्रीमती सुनिता मीणा, सुबोध महाविद्यालय के उप प्राचार्य डा0 अल्पना सक्सैना, पत्रकारिता एवं जनसंचार की विभागाध्यक्ष श्रीमती पदमा पंडेल सहित महाविद्यालय के छात्र-छात्राऐं एवं षिक्षक उपस्थित थे।