जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने विद्यार्थियों का आह्वान किया है कि वे बडे़ सपने देखें और उनको पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें। उन्होंने कहा कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है। परिश्रम के साथ-साथ बड़ों के सामने झुकने और गुरूजनों का सम्मान करके सभी सपने पूरे किये जा सकते हैं।

राजे गुरूवार को विद्या भारती राजस्थान की ओर से आयोजित स्कूल छात्रों के प्रतिभा सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे बड़ी चीज शिक्षा ही है और संस्कारयुक्त शिक्षा से ही देश और प्रदेश आगे बढ़ सकता है। राजस्थान में शिक्षा प्रणाली को इसी स्वरूप में बदलने का काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में शिक्षा बदल रही है। यह बात देशभर में मानी गई है और इसी के परिणामस्वरूप राज्य में 12 लाख बच्चों ने प्राइवेट विद्यालयों से निकलकर सरकारी स्कूलों में प्रवेश लिया है। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश की शिक्षा को बदलने का काम एक चुनौती के रूप में किया है और यह काम आसान नहीं है। इस चुनौती पर सफलता हासिल करने में बच्चों के अभिभावकों, अध्यापकों, छोटे-बडे़ अधिकारियों का भी हाथ है।
राजे ने प्रदेशभर के भामाशाहों का एक बार फिर धन्यवाद देते हुए कहा कि इस वर्ष शिक्षा के लिए 100 करोड़ रुपये की सहायता राशि दान दाताओं से मिली है। जब बच्चों का भविष्य संवारने के लिए ऐसे लोग राज्य सरकार की मदद करेंगे, तो प्रदेश और देश को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार शिक्षा में बदलाव और गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए 4 और 5 अगस्त को देश का सबसे बड़ा एजुकेशन फेस्टिवल जयपुर में आयोजित करने जा रही है।
इस अवसर पर शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजस्थान में शिक्षा की गुणवत्ता सुधरने के बाद दूर-दराज क्षेत्र में रहने वाले बच्चे भी 97 प्रतिशत तक अंक ला रहे हैं।
इस अवसर पर महंत हरि चैतन्य पुरी जी ने कहा कि शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे राष्ट्र निर्माण किया जा सकता है और इस काम को विद्या भारती संस्था बखूबी अंजाम दे रही है।

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