नई दिल्ली। आखिरकार भारतीय नागरिक उज्मा की सकुशल वतन वापसी हो ही गई। उज्मा कड़ी सुरक्षा के बीच अटारी-वाघा के रास्ते पाकिस्तान से भारत लौटी। उसे भारत की सीमा तक छोडऩे के लिए अम्बेसी प्रतिनिधियों सहित पुलिस साथ आई। वाघा सीमा से आगे उज्मा श्री गुरु रामदास अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अडडे पर पहुंची जहां से दिल्ली के लिए रवाना हो गई। वाघा सीमा पहुंचने पर उज्मा ने वतन की मिट्टी को छुआ और चैन की सांस ली। साथ ही तौबा किया कभी जीवन में मौत के उस कुएं में नहीं जाना। सकुशल भारत लौटने पर उज्मा ने कहा कि पाकिस्तान तो मौत का कुआं है। पाक नागरिक ताहिर अली ने उसे पाकिस्तान लाकर बंदूक की नोंक पर शादी की। उज्मा ने कहा कि पाकिस्तान जाना तो आसान है, लेकिन जिंदा लौटना मुश्किल है। वो नर्क है, जो लड़कियां इस मुगालते में है कि वहां का मुस्लिम कल्चर है तो पाक अच्छा होगा। लेकिन हकीकत तो इसके उलट ही है। वहां औरत तो दूर की बात खुद आदमी भी सुरक्षित नहीं है। मैंने दुनिया देखी है, चाहे पाकिस्तान हो या फिर मलेशिया या सिंगापुर। लेकिन सबसे अच्छा तो अपना प्यारा हिंदुस्तान ही है। यहां औरत का सम्मान है, गर्व है कि मैं भारत की बेटी हूं। मैं केवल पाकिस्तान घूमने गई थीं, वहां ताहिर ने नींद की गोलियां खिला दी प्रताडि़त किया। वहां पर कई विदेशी लड़कियां बंधक बनी हुई है। अधिकतर लोग वहां के मलेशिया में रह रहे हैं। जो वहां से लड़कियों को लाकर पाकिस्तान में कैद कर लेते हैं। मैं हर लड़की को यही सलाह दूंगी कि वो पाकिस्तान न जाए, फिर चाहे वो मुस्लिम ही क्यों न हो। बता दें इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने उज्मा को स्वेदश लौटने की इजाजत दी थी। अदालत के आदेश पर ही उज्मा की भारत वापसी हुई।

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