बर्मिंघम. कॉमनवेल्थ गेम्स में ट्रक ड्राइवर के बेटे गुरुराजा पुजारी ने भारत को दूसरा मेडल दिलाया है। वेटलिफ्टर गुरुराजा ने मेंस 61 किलोग्राम कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता। गोल्ड मलेशिया के अजनील मोहम्मद ने और सिल्वर पापुआ न्यू गिनी के मोरिया बारू ने जीता है। नहीं होते थे डाइट और सप्लीमेंट्स के लिए पैसे गुरुराजा का जन्म 15 अगस्त 1992 को कर्नाटक के उडीपी जिले के कुंडापुरा गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम महाबाला पुजारी है जो एक ट्रक ड्राइवर हैं। गुरुराजा पांच भाइयों में सबसे छोटे हैं। पी गुरुराजा का बचपन काफी अभावों में बीता, लेकिन इस वजह से खेल के प्रति उनका लगाव कभी कम नहीं हुआ। पिता ने कर्ज लिया, ताकि गुरुराजा की ट्रेनिंग में बाधा न आए। गुरुराजा ने 2010 में वेटलिफ्टिंग करियर शुरू किया था। उन्हें शुरू में कई परेशानियां आईं। वेटलिफ्टिंग जैसे खेल में डाइट और सप्लीमेंट्स की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। इसके लिए उनके पास पैसे नहीं होते थे, लेकिन उनके पिता ने उन्हें हिम्मत नहीं हारने दी और बेटे को आगे बढ़ने का हौसला देते रहे। उनके परिवार में आठ लोग हैं।
गुरुराजा पुजारी की प्रारंभिक पढ़ाई कर्नाटक से ही हुई है। हाई स्कूल के उन्होंने कर्नाटक के उजीरे में मौजूद एसडीएम कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है। भारतीय वेटलिफ्टर शुरुआत में पहलवान सुशील कुमार से बहुत प्रभावित थे। उनसे प्रेरणा लेकर ही उन्होंने रेसलिंग से अपने करियर की शुरुआत की थी लेकिन बाद में कोच राजेंद्र प्रसाद ने उन्हें वेटलिफ्टिंग करने की सलाह दी। जिसके बाद गुरुराजा पुजारी के रूप में भारत को एक बेहतरीन वेटलिफ्टर मिला।
2016 में गुरुराजा पुजारी ने साउथ एशियन गेम्स में 56 किलोग्राम भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता। 2018 में हुए गोल्डकोस्ट कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में 56 किलोग्राम भार वर्ग में सिल्वर पदक जीता।2018 में हुए कामनवेल्थ गेम्स में गुरुराजा ने भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता। 2021 के कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में 61 किलोग्राम भार वर्ग में गुरुराजा पुजारी ने रजत पदक जीता था।

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