नई दिल्ली। अंतराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक अधिकार समूह ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल की ओर से कराए गए एक सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस तथ्य के अनुसार सरकारी कार्यालयों में काम करवाने के लिीए रिश्वत देने के मामले में भारत के लोग एशिया में सबसे आगे हैं। भ्रष्टाचार पर काम करने वाली संस्था ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल ने मंगलवार को जो रिपोर्ट प्रस्तुत की। उसके अनुसार तो स्थिति कुछ ऐसी ही निकल कर सामने आ रही है। रिपोर्ट के अनुसार एशिया प्रशांत क्षेत्र में रिश्वत के मामले में भारत शीर्ष पर है, जबकि सबसे कम भ्रष्ट जापान है। भारत में 69 प्रतिशत लोगों ने कहा कि अपना काम कराने के लिए उन्हें रिश्वत देनी पड़ी। जबकि वियतनाम में 65 फीसदी, पाकिस्तान 40 और चीन 26 में यह संख्या फीसदी थी। जापान में रिश्वत देने की दर सबसे कम 0.2 फीसदी रही तो दक्षिण कोरिया में केवल 3 फीसदी रही। हालांकि चीन में यह बुराई बढ़ती जा रही है, यहां 73 फीसदी लोगों ने माना कि विगत कुछ वर्षों से उनके देश में रिश्वत का चलन बढ़ रहा है। इस सर्वे में भारत का स्थान 7वां रहा। जबकि पाकिस्तान, आस्ट्रेलिया, जापान, म्यामांर, श्रीलंका और थाईलैंड उससे नीचे ही रहे। सर्वे के दौरान एशिया प्रशांत क्षेत्र की 90 करोड़ आबादी वाले 16 देशों के 20 हजार से अधिक लोगों ने माना कि पिछले एक साल में उन्होंने कम से कम एक बार तो रिश्वत दी। रिश्वत लेने वाले लोक सेवकों में सबसे पहला स्थान पुलिस का रहा। सर्वे में शामिल हुए 85 फीसदी लोगों ने यह खुले तौर पर स्वीकार किया कि पुलिस में कुछ या सभी भ्रष्ट है। वहीं सरकारी अधिकारी (84 प्रतिशत), कारोबारी अधिकारी (79 प्रतिशत), स्थानीय पार्षद (78 प्रतिशत), सांसद (76 प्रतिशत) कर अधिकारी (74 प्रतिशत) और धार्मिक नेता 71 प्रतिशत भ्रष्ट है। सर्वे के दौरान सवाल किया गया कि किस ने कितनी बार, किस रूप में, किसे और क्यों रिश्वत दी। सर्वे के दौरान भ्रष्टाचार से लडऩे के लिए 63 फीसदी भारतीयों का मानना है कि सामान्य व्यक्ति ही इसके खिलाफ जंग छेड़ सकता है और बदलाव ला सकता है।
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