नई दिल्ली। तमिलनाडु में मुख्यमंत्री पद पर शशिकला और पन्नीरसेल्वम के बीच विवाद अब दिल्ली पहुंच गया है। गवर्नर विद्यासागर राव ने दोनों ही खेमे शशिकला और पन्नीरसेल्वम से वार्ता और समर्थन के दावों की पूरी रिपोर्ट राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भेज दी है। अब राष्ट्रपति स्तर पर विवाद का निपटारा होगा। संभवतया: वहां से हरी झण्ड़ी मिलने के बाद शशिकला व पन्नीरसेल्वम में से किसी एक को पहले बहुमत का मौका दिया जा सकता है। तमिलनाडु में सियासी संकट में यह सवाल गूंज रहा है कि दिवगंत जयललिता की विरासत किसके पास रहेगी। इसके लिए शशिकला और पन्नीरसेल्वम आमने सामने है। गर्वनर को दोनों ही खेमों ने अपने-अपने दावे पेश किए हैं। पन्नीरसेल्वम ने कहा कि मुझसे जबरन इस्तीफ ा लिया गया। मैं इस्तीफ ा वापस लेना चाहता हूं और विधायकों का समर्थन मेरे साथ है। वहीं शशिकला का कहना था कि पन्नीरसेल्वम पर कोई दबाव नहीं बनाया गया। विधायक मेरे साथ है। विधायकों की सूची पेश करते हुए सरकार बनाने का मौका देने की बात कही। उधर, पन्नीरसेल्वम की बगावत और द्रमुक, भाजपा का समर्थन मिलने के बाद शशिकला ने विधायकों को बस में भरकर किसी गुप्त स्थान पर रखा है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक विधायकों को न तो मोबाइल के उपयोग करने दिया जा रहा है और ना ही टीवी देखने दिया जा रहा है। कुछ विधायकों ने इसका विरोध भी दर्ज कराया है। वे कैदखाने को गलत ठहरा रहे हैं।

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