– जनाना अस्पताल में प्रसूता की मौत, पति पकड़ता रहा डॉक्टर के पैर लेकिन नहीं हुआ इलाज
झालावाड़। शहर के जनाना अस्पताल में शनिवार शाम को एक प्रसूता की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए शव नहीं उठाया। परिजनों ने इस बाबत पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है। जिले के मिश्रोली निवासी रानी (26) पत्नी कैलाश मेघवाल को तीन दिन पहले जनाना अस्पताल में भर्ती कराया था। तभी से वह लगातार दर्द से तड़पती रही। गर्भवती रानी की तबीयत लगातार बिगड़ने पर परिजनों ने उसे संभालने के लिए डॉक्टरों के पैर पकड़े, हाथ जोड़े, लेकिन उसकी सुध नहीं ली। इस बीच परिजनों से रानी को रेफर करने की भी गुहार की लेकिन उसे रेफर नहीं किया। इस बीच उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई और शनिवार शाम करीब 7 बजे उसकी मौत हो गई। पति कैलाश ने बताया कि वह और उसकी बहन डॉक्टरों के पैरों में पड़कर इलाज की भीख मांगते रहे। लेकिन, ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर व अन्य स्टाॅफ का कहना था कि हमारे पास एक ही मरीज नहीं है। यहां सैकड़ों मरीज है, जिनको भी संभालना है। कैलाश का कहना है कि सरकार ने इलाज तो फ्री कर दिया लेकिन इलाज करने वाले गरीबों की नहीं सुनते। अगर उसकी पत्नी को समय पर इलाज मिल जाता तो शायद उसकी जान बच सकती थी। मैंने डॉक्टरों से हाथ जोड़ प्रार्थना कि आप बच्चे की चिंता न करें, आप मेरी पत्नी को बचा लो, लेकिन किसी ने भी मेरी फरियाद नहीं सुनी। मृतका रानी के पति कैलाश मेघवाल ने बताया कि इलाज में लापरवाही बरतने वाले डॉक्टर व स्टाफ पर कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि फिर से किसी महिला की मौत न हो। कार्रवाई नहीं होने तक मैं पत्नी का शव नहीं उठाऊंगा। कैलाश ने इस मामले की शिकायत अस्पताल पुलिस चौकी व मिश्रोली थाने को दी है। वहीं पुलिस का कहना है कि शव मोर्चरी में रखवाया है, मामले की जांच की जा रही है।

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