नई दिल्ली। आगामी कुछ दिनों में आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती है। ऐसी स्थिति दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नजदीकी व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से आ सकती हैं। सत्येन्द्र जैन के विरुद्ध इनकम टैक्स विभाग की जांच करने में जुटा है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि सत्येन्द्र जैन और उनकी पत्नी के मालिकाना हक वाली चार कंपनियों ने वर्ष 2010 से 2016 के बीच 56 कागजी कंपनियों के माध्यम से गलत व गैरकानूनी तरीके से 16 करोड़ 39 लाख रुपए दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिए। आयकर विभाग द्वारा कराई जा रही जांच में यह कहा गया कि जैन की कंपनियों से कर्मचारियों ने कोलकाता के हवाला ट्रेडर्स को राशि भेजी। आरोप है कि खुद जैन ने हवाला ऑपरेटर्स को करोड़ों रुपए भेजे। हालांकि जैन ने हवाला कारोबारियों से उनके रिश्तों की बात को नकार दिया है। इन सबके बीच आयकर विभाग ने जैन को हाल ही 26 दिसंबर 2016 को वित्तीय वर्ष 2011-2012 के लिए एक और नोटिस भेजा। इस वर्ष सत्येन्द्र जैन ने कथित तौर पर स्वयं की वार्षिक आय 8 लाख रुपए बताई थी। जैन व उनकी पत्नी के मालिकाना हक वाली इन कंपनियों में करोड़ों रुपए के गैरकानूनी तरीके से ट्रांसफर संबंधित आयकर विभाग के दस्तावेज एक न्यूज चैनल टाइम्स नाऊ के पास है। इन दस्तावेजों के मुताबिक, कागजी कंपनियों की ओर से दाखिल किए गए रिटर्न की जांच के दौरान हवाला ऑपरेटर के लिंक का पता चला। इस पर आयकर विभाग ने हवाला ऑपरेटर जीवेंद्र मिश्रा व राजेन्द्र बंसल से इस मामले में पूछताछ की तो पता चला कि मिश्रा कागजों में चल रही अपनी कंपनियों के माध्यम से अन्य लोगों के पैसे को ठिकाने लगाने का काम करते थे। जांच के अनुसार इन हवाला ऑपरेटर्स ने फर्जी कंपनियां बनाई और चेक व आरटीजीएस के माध्यम से सत्येन्द्र जैन की कंपनियों के शेयर खरीदे। जिसके मार्फत इन कंपनियों के जरीए कालेधन के तौर पर दो नम्बर की राशि को एक नम्बर में बदला गया। आरोप यह भी ल”ाए जा रहे हैं कि जैन ने इन कंपनियों माध्यम से बड़े पैमाने पर बेशकीमती जमीनें खरीदीं।

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