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कोर्ट ने होटल मालिक व याचिकाकर्ताओं पर लगाया दस-दस का हर्जाना, कंटेम केस भी चलेगा
जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने जयपुर के सेन्ट्रल पार्क में स्थित लक्ष्मी विलास होटल और कनक भवन को जेडीए की सम्पत्ति माना है और कोर्ट ने इस संबंध में याचिकाकर्ता होटल मालिकों की याचिकाओं को खारिज कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं पर दस-दस लाख रुपए का हर्जाना भी लगाया है और उन पर अवमानना केस भी चलेगा।

राजस्थान हाईकोर्ट ने लक्ष्मी विलास की साढ़े सात बीघा और कनक भवन की करीब पौने दो बीघा भूमि को जेडीए की मानते हुए आदेश दिए थे कि जेडीए इस पर कब्जा ले। इस आदेश को याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। पूर्व में ही जेडीए दोनों इमारतों का कब्जा ले चुका है। दोनों जमीनों की कीमत करीब साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए आंकी गई है। जेडीए इसे कॉमर्शियल उपयोग करने का इरादा है। हालांकि सेन्ट्रल पार्क में होने के चलते इसे हेरिटेज के तौर पर विकसित किया जा सकता है।

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