spot fixing

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद सहित क्रिकेट बोर्डों के प्रमुखों ने एशेज में मैच फिक्सिंग को लेकर किये गये दावों पर ‘गहरी चिंता’ व्यक्त की लेकिन कहा कि आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच आज से यहां शुरू हुए तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच में भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला है। ब्रिटिश समाचार पत्र ‘द सन’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि दो सट्टेबाजों ने पर्थ में चल रहे टेस्ट मैच में खेल के फिक्स किये गये हिस्सों को बेचने की पेशकश की थी जिसके आधार पर बड़ी रकम जीतने के लिये सट्टा लगाया जा सकता। इनमें से एक सट्टेबाज भारतीय है जिसे ‘मिस्टर बिग’ नाम से जाना जाता है।

एक सट्टेबाज ने विश्व कप विजेता आलराउंडर सहित पूर्व और वर्तमान अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ काम करने का दावा किया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने आस्ट्रेलियाई क्रिकेट के एक फिक्सर के साथ संपर्क किया जिसे ‘द साइलेंट मैन’ के रूप में जाना जाता है। इसमें आस्ट्रेलिया या इंग्लैंड के किसी खिलाड़ी का नाम नहीं दिया गया है। समाचार पत्र ने कहा कि उनके अंडरकवर रिपोर्टर से एक ओवर में कितने रन बनेंगे जैसे स्पाट फिक्स करने के लिये 140,000 पौंड तक की धनराशि मांगी गयी थी।

रिपोर्ट में एक सट्टेबाज के हवाले से कहा गया है, ‘‘मैच से पहले मैं आपको बताऊंगा कि इस ओवर में इतने रन बनेंगे और फिर आप उस ओवर पर अपना सट्टा लगा सकते हो। ’’ सट्टेबाज से पूछा गया कि क्या उसकी जानकारी बिल्कुल सही है, उसने कहा, ‘‘पूरी तरह से सही जानकारी। ’’ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने इस खुलासे पर ‘गहरी चिंता’ व्यक्त की और उसने जांच शुरू कर दी है लेकिन विश्व संस्था को नहीं लगता कि यह मैच फिक्स है। इंग्लैंड इस मैच में में पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 0-3 से पिछड़ने से बचने की कोशिश करेगा।

आईसीसी के भ्रष्टाचार निरोधक प्रमुख एलेक्स मार्शल ने कहा, ‘‘इस मसले पर द सन या फिर हमारी जांच के आधार पर मेरे शुरूआती आकलन में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे यह कहा जा सके कि वर्तमान टेस्ट मैच को फिक्स किया गया है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक जांच से ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि इस टेस्ट में खेलने वाला कोई खिलाड़ी कथित फिक्सरों के संपर्क में है।

क्रिकेट आस्ट्रेलिया के प्रमुख जेम्स सरदरलैंड ने कहा कि आरोप गंभीर है लेकिन आईसीसी को सौंपे गये दस्तावेजों के आधार पर उन्हें पूरा विश्वास है कि ‘इस टेस्ट मैच और यहां तक की पूरी एशेज श्रृंखला में भ्रष्ट गतिविधियों का संदेह’ करने का कोई कारण नजर नहीं आता है। उन्होंने कहा कि सभी खिलाड़ियों को नियमित आधार पर भ्रष्टाचार के जोखिमों के बारे में बताया जाता है।

इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने इस मामले में आईसीसी के साथ मिलकर काम करने का वादा किया है और साथ ही कहा कि कि ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह कहा जा सके कि इंग्लैंड की टीम किसी भी तरह से इसमें संलिप्त है। समाचार पत्र के चार महीने तक चली कवायद में भारतीय फिक्सर की दुबई और नयी दिल्ली के होटलों में गोपनीय तरीके से फिल्म तैयार की गयी है। इस फिक्सर ने दावा किया कि भ्रष्ट खिलाड़ी मैदान पर किसी तरह के संकेतों जैसे दस्ताने बदलने, से फिक्स करने का संकेत देगा। इसके बाद दर्शकों के बीच बैठा ‘स्पॉटर’ सट्टेबाजों को बताएगा जो गैरकानूनी भारतीय सट्टा बाजार में लाखों का सट्टा लगाएगा।

द सन ने कहा कि भारतीय फिक्सर ने दावा किया कि वे खिलाड़ियों को उनकी ‘स्क्रिप्ट’ का अनुसरण करने के लिये कह सकते हैं। जैसे कि एक सत्र में कितने रन बनेंगे, कब विकेट गिरेगा और टास जीतने पर टीम को क्या करना चाहिए। ’’ रिपोर्ट में एक फिक्सर के हवाले से कहा गया है, ‘‘मैं एशेज टेस्ट में आपको काम दूंगा। पहले, दूसरे या तीसरे दिन। हमारे पास दो सत्र का काम है। एक सत्र की कीमत 60 लाख रूपये और दो सत्र की 120 लाख रूपये है। अगर आपकी इसमें दिलचस्पी है तो हम साइलेंट मैन से बात करेंगे। ’’ द सन ने कहा कि उनके रिपोर्टर ने खुद को अंडरवर्ल्ड लंदन सट्टेबाजों के लिए फाइनेंसर के रूप में पेश किया। भारतीय फिक्सर ने यह भी दावा किया कि वे आस्ट्रेलिया बिग बैश और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसी लुभावनी टी20 लीग को भी फिक्स कर सकते हैं।

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