Committed suicide

-भारतीय प्रेस परिषद ने स्पष्ट मानदंड निर्धारित किये
जयपुर। भारतीय प्रेस परिषद् ने मीडिया द्वारा आत्महत्या की संवेदनशीलता और जिम्मेदारीपूर्वक रिपोर्टिंग और कवरेज एवं मानसिक बीमारी से संबंधित समाचारों के प्रकाशन एवं रिपोर्टिंग के लिए स्पष्ट मानदंड निर्धारित किये है। भारतीय प्रेस परिषद् ने आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिऎ विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुशरण में दिशा निर्देशों को अपनाया है जिसके अनुसार मीडिया पेशेवरों ,समाचार पत्र और समाचार ऎजेंसियों को आत्महत्या के मामलों की रिपोर्टिंग करते समय आत्महत्या के बारे में कहानियों को प्रमुखता से न रखें और ऎसी कहानियों को बार-बार न दोहराएं।

मीडिया द्वारा आत्महत्या की संवेदनशील रिर्पोटिंग करते समय ऎसी भाषा का उपयोग न करें जो आत्महत्या को सनसनीखेज या सामान्य बनाता है, या इसे समस्याओं के रचनात्मक विलय के रूप में प्रस्तुत करता है। इसके अतिरिक्त किसी व्यक्ति द्वारा आत्महत्या के दौरान स्पष्ट रूप से इस्तेमाल की गई विधि का वर्णन न किया जाए।

भारतीय प्रेस परिषद् द्वारा जारी दिशा निर्देशों में बताया गया है कि आत्महत्या के स्थान के बारे में विवरण नहीं देना चाहिये तथा ऎसी खबरों की कवरेज करते समय सनसनीखेज सुर्खियों का उपयोग नहीं करें। इसके अलावा आत्महत्या की तस्वीरों, विडियो फुटेज या सोशल मीडिया लिंक का उपयोग भी नहीं किया जायेें।

भारतीय प्रेस परिषद ने मानसिक बीमारी से संबंधित समाचारों के प्रकाशन एंवम रिपोर्टिंग के लिए भी स्पष्ट मानदंड तय किये है जिसके अनुसार मीडिया मानसिक बीमारी वाले व्यक्ति की सहमति के बिना मानसिक स्वास्थ्य प्रतिष्ठान में उपचार के दौरान बीमार व्यक्ति के संबंध में तस्वीर या कोई अन्य जानकारी प्रकाशित नहीं करेगा।

उल्लेखनीय है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन द्वारा वर्ष 2017 में मीडिया पेशेवरों के लिए मार्गदर्शिका पुस्तिका बनाई गयी थी, जिसके लागू करने से व उपयोग करने से आत्महत्याएं करने वाले व्यक्तियों की संख्या में कमी लायीं जा सकती हैं।

यह मार्गदर्शक पुस्तिका आत्महत्या की रिपोर्टिंग ओर कवरेज करने के तरीके के बारें मं मीडिया पेशेवरों के लिए जानकारी प्रदान करती है और साथ ही यह सुझाव देती है कि कैसे सुनिश्चित किया जाये की रिपोर्टिंग व कवरेज सटीक, जिम्मेदारीपूर्वक और उचित हो।

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