जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे तथा केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की मौजूदगी में मंगलवार को पचपदरा (बाड़मेर) में अत्याधुनिक रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स के लिए एचपीसीएल के साथ एमओयू हुआ, जिससे राज्य सरकार पर पड़ने वाले आर्थिक भार में 40 हजार करोड़ रुपये की बचत होगी। इस एमओयू के बाद राजस्थान के इतिहास में पहली बार 43 हजार 129 करोड़ का सबसे बड़ा निवेश होगा। इस रिफाइनरी में बीएस-6 मानक वाले पेट्रोलियम उत्पादों का उत्पादन किया जायेगा। इस अवसर पर कोटा शहर में पाइपलाइन के जरिए घरेलू गैस वितरण के लिए राजस्थान राज्य गैस लि. (आरएसजीएल) और गेल गैस लि. के बीच बिजनेस ट्रांसफर समझौते पर भी हस्ताक्षर हुए। राजे ने होटल हिल्टन में आयोजित समारोह में कहा कि जो लोग रिफाइनरी लगाने की सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे थे उन्हें इस एमओयू से माकूल जवाब मिल गया है। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी को लेकर हमारी सरकार में शुरू से ही कोई संशय नहीं था। हम सिर्फ यह चाहते थे कि राज्यहित और राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए यह रिफाइनरी लगे। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री का आभार प्रकट करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के सकारात्मक एवं सक्रिय सहयोग के कारण ही रिफाइनरी पर नये सिरे से यह एमओयू किया जा सका है। हमने राजनीतिक हानि-लाभ के बजाय देश, प्रदेश और जनता के हितांे को ध्यान में रखते हुए यह एमओयू किया है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि इस मानसून के बाद रिफाइनरी का भूमि पूजन करवाकर शीघ्र काम शुरू करवा दिया जाये।

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