बीजेपी ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया तो विपक्ष के साथ तल्खी फिर से एक बार सामने आया | कांग्रेस ने बीजेपी पर आमसहमति का दिखावा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दलों के साथ बैठक के बाद वे अपना रुख साफ करेंगे| वही एक तरफ जहां एनडीए में शामिल शिवसेना ने अभी हालफिलहाल अपने पत्ते नहीं खोले हैं| वहीं दूसरी बीजेडी जैसे गैर एनडीए दल भी कोविंद के नाम पर सहमत दिख रहे हैं| आइए एक नजर डालते हैं, क्या है समीकरण राष्ट्रपति चुनाव को लेकर फिलहाल

एनडीए के पक्ष में है समीकरण
कोविंद के नाम के ऐलान की एकतरफा फैसला अगर बीजेपी ने किया है तो उसके पीछे वर्तमान समीकरणों का सीधा हाथ है| राष्ट्रपति चुनाव के लिए अगर इलेक्टोरल कॉलेज पर नजर डालें तो समीकरण सत्ताधारी एनडीए के पक्ष में दिख रहा हैं| ऐसे में अगर दुसरा पक्ष उम्मीदवार उतारता भी है तो जीत की सम्मभावना कम बनती है|

बीजेडी भी एनडीए के पक्ष में
ओडिशा के सीएम और बीजेडी चीफ नवीन पटनायक ने सोमवार को शाम रामनाथ कोविंद की उम्मीदवारी के समर्थन में घोषणा कि| हालांकि विपक्ष की ओर से मीरा कुमार समेत कई नामों पर चर्चा चल रही है, लेकिन यूपी के दो दलो बसपा और सपा के लिए कोविंद का विरोध करना मुश्किल हो सकता है| क्योंकि रामनाथ कोविंद दलित समुदाय से हैं इसलिए बीजेपी के लिए उनकी उम्मीदवारी मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकती है|

यूपी के दलों के लिए विरोध मुश्किल
सपा और बसपा की ओर से कोविंद की उम्मीदवारी पर ठोस विरोध सामने नहीं आया है इसलिएए 2019 के चुनाव से पहले दलित उम्मीदवार का विरोध करता हुआ कोई भी दल नहीं दिखना चाहिए| वहीं जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रुख भी कोविंद की उम्मीदवारी पर नरम दिख रहा है| रामनाथ कोविंद अभी बिहार के राज्यपाल हैं और नीतीश कुमार के साथ उनके अच्छे सम्बंध रहे हैं| नीतीश कुमार ने कोविंद की उम्मीदवारी का स्वागत किया है हालांकिए समर्थन के मामले पर विपक्ष की बैठक के बाद फैसले की बात भी कही है|

विपक्ष की ओर से ये 4 नाम चर्चा में
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के खिलाफ विपक्ष संयुक्त उम्मीदवार उतार सकता है| वाम दलों में सूत्रों ने सोमवार की रात यह बात कही गैर एनडीए दलों के 22 जून को इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बैठक करने की उम्मीद है ण् सूत्रों के अनुसार पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमारए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदेए भारिपा बहुजन महासंघ के नेता और डॉ. बी आर अंबेडकर के पौत्र प्रकाश यशवंत अंबेडकर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र और सेवानिवृत नौकरशाह गोपालकृष्ण गांधी और कुछ अन्य नामों पर विपक्षी पार्टियों के बारे विचार कर रहे हैं|

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