जयपुर। देशभर में रक्षाबंधन का पर्व सोमवार 7 अगस्त को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस दिन चंद्रग्रहण व भद्रा के साया भी है। भार में खंडग्रास चंद्रग्रहण रहेगा, जो रात 10.52 से प्रारंभ होकर रात 00.22 तक रहेगा। 12 साल बाद रक्षाबंधन पर चंद्रग्रहण पड़ रहा है। यह आंशिक ग्रहण भारत के सभी स्थानों से दिखाई देगा।

शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पूर्व ही सूतक लग जाएगा और इस दिन प्रात: 11:07 मिनट तक भद्रा का असर रहेगा। शास्त्रों के अनुसार भद्रा व सूतक में रक्षा सूत्र नहीं बांधा जाता तथा कोई शुभ कार्य भी नहीं किया जाता। शास्त्रानुसार ग्रहण काल के दौरान वातावरण में नकारात्मकता बढ़ जाती है तथा हर जगह इस अपवित्रता का असर होता है। यही वजह है कि ग्रहण के बाद स्नान कर मंदिरों व घर को धोकर साफ किया जाता है।

-साल का दूसरा व अंतिम चंद्रग्रहण
सोमवार 7 अगस्त को दोपहर 12:26 से सूतक काल की शुरुआत हो जाएगी। यह चंद्रग्रहण इस वर्ष का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण है। इस चंद्रग्रहण को चूड़ामणि कह कर बुलाया जाएगा तथा इसे प्रच्छाया भी कहते हैं। ग्रहण की अवधि 1. 57 घंटा रहेगी। भारत में रेखांश व अक्षांश के मापदंड व समयानुसार रात 10.52 बजे चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पडऩी शुरू होगी। जो रात 11:50 बजे ग्रहण चरम पर होगा। इसके बाद पृथ्वी की छाया चद्रंमा से छंटनी शुरू हो जाएगी। रात 12:49 बजे चंद्रमा पृथ्वी की छाया से पूरी तरह मुक्त हो जाएगा। ग्रहण में चंद्रमा का मात्र एक छोटा अंश ही पृथ्वी की छाया के दायरे में आएगा।

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