Go Taskari police encounter case

-गौसंरक्षण में नवाचार करने वाला राजस्थान अग्रणी राज्य
जयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की पहल पर राजस्थान गोवंश की देखभाल और गौशालाओं के विकास के लिए नवाचार करने वाला देश का अग्रणी राज्य बना है। राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य है जहां गोपालन विभाग का गठन किया गया। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार के गोसेवा के संकल्प के चलते प्रदेश में वर्ष 2016-17 से स्टाम्प ड्यूटी पर 10 प्रतिशत की दर से गौसंरक्षण-संवर्द्धन अधिभार (सरचार्ज) लगाया गया। इस आय से गौसंरक्षण एवं संवर्द्धन निधि के रूप में गत वित्तीय वर्ष में 151.60 करोड़ रुपये जुटाए गए। अब तक 138.67 करोड़ रुपये गोवंश की देखभाल और गौशालाओं की सार-सम्भाल पर व्यय किए जा चुके है।

गौसंरक्षण एवं संवर्द्धन निधि नियम-2016 के प्रावधानों के अनुसार पूरे प्रदेश में 1036 गौषालाओं की 4,71,800 गायों एवं गोवंष को चारा-पानी एवं पशुआहार की व्यवस्था के लिए 126.89 करोड़ रुपये की राषि उपलब्ध कराई गई है। साथ ही, 155 अन्य गौषालाओं के लिए भी 11.79 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की जा रही है। राज्य सरकार गोवंश की बहुतायत वाले जालोर, सिरोही एवं पाली जिलों की 196 गौषालाओं को इस निधि से 21.24 करोड़ रुपये दे चुकी हैं। जालोर की श्री गोपाल गोवर्धन गौषाला, पथमेड़ा तथा महावीर हनुमान नंदी गौषाला, गोलासन को हाल ही में 5.03 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है। गोलासन स्थित महावीर हनुमान गौषाला को 1 माह की अतिरिक्त सहायता राषि भी दी गई है। बाड़मेर और उदयपुर जिले की 44 गौषालाओं को चारे-पानी एवं पशुआहार की व्यवस्था के लिए 4.46 करोड़ रुपये की सहायता राषि दी गई है। राज्य सरकार ने तस्करी तथा वध से बचाए गए गोवंश के पालन-पोषण के लिए वर्ष 2015-16 से एक अलग योजना प्रारम्भ की है। इसके अन्तर्गत एफआईआर दर्ज होने पर सम्बंधित बड़े गोवंश के चारा-पानी एवं पशु आहार के लिए 32 रुपये प्रतिदिन तथा छोटे गोवंश के लिए 16 रुपये प्रतिदिन की सहायता राशि एक वर्ष तक की अवधि के लिए दी जाती है।

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