suicide

– डॉक्टर पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी मानते हुए जयपुर कोर्ट ने डॉक्टर पति को दस साल की कैद सुनाई
जयपुर। महिला उत्पीडऩ मामलात की विशेष अदालत ने डॉक्टर सुभाष खोलिया को दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। बस्सी के राजकीय अस्पताल में कार्यरत पत्नी इन्द्रा कांवरिया और दो मासूम बच्चों को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी मानते हुए कोर्ट न्यायाधीश रेखा राठौड़ ने डॉक्टर सुभाष खोलिया को यह सजा सुनाते हुए एक लाख दस हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है। इन्द्रा कांवरिया ने 13 नवम्बर, 1998 को अपने दो मासूम बच्चों सहित फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। अजमेर मेडिकल कॉलेज से पढाई करने वाली इन्द्रा ने आत्महत्या करने से पूर्व अपनी ढाई साल की पुत्री नेहा और सात माह के पुत्र गोलू को भी फ ांसी पर लटका कर खुद भी फंदे पर लटक गई थी। कोर्ट ने परिवादी मृतका इन्द्रा के पिता दयालदास को पीडि़त प्रतिकर स्कीम में मुआवजा देने के भी आदेश दिए हैं। दयालदास ने बस्सी थाने में रिपोर्ट दी थी कि बेटी इन्द्रा का विवाह 10 दिसम्बर, 1993 को डॉक्टर सुभाष खोलिया के साथ हुआ था। शादी में लाखों रुपयों का दहेज भी दिया था, लेकिन इसके बाद भी सुभाष दहेज के लिए बेटी इन्द्रा को प्रताडित करता था। आत्महत्या करने से पहले भी सुभाष पचास हजार रुपए लाने के लिए उसे प्रताडित कर रहा था। इन्द्रा नीमकाथाना स्थित राजकीय अस्पताल में कार्यरत थी, लेकिन बाद में उसका तबादला सुभाष ने बस्सी करा लिया था। पति की प्रताडऩा के चलते ही उसकी बेटी ने आत्महत्या जैसा कदम उठाना पड़ा।

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