जयपुर. जयपुर एसीबी ने आज रेलवे के चीफ हेल्थ इंस्पेक्टर को सफाई ठेकेदार के पुराने बिल पास करने की एवज में 40 हजार रुपए लेते हुए ट्रैप किया। एसीबी ने यह ट्रैप की कार्रवाई जयपुर जंक्शन पर दोपहर 4 बजे की है। इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के बाद उसे अधिकारी एसीबी मुख्यालय लेकर आ गए हैं। जहां पर आगे की जांच की जाएगी। आरोपी सीकर में तैनात है और 2021 के बकाया बिलों को लेकर पीड़ित से जयपुर स्टेशन पर रिश्वत के रुपए लेने आया था। एसीबी ने रेलवे के अधिकारियों को भी इस ट्रैप की कार्रवाई की जानकारी दे दी है। जिससे रेलवे भी अपने स्तर पर रिश्वतखोर चीफ हेल्थ इंस्पेक्टर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर सके। एडीजी एसीबी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि पीड़ित ने एसीबी मुख्यालय में शिकायत देते हुए कहा था कि 2021 में उसका सफाई और पानी सप्लाई का ठेका बांदीकुई में चल रहा था। जिस का बकाया बिल जारी करने की एवज में चीफ हेल्थ इंस्पेक्टर विकास मीणा 50 हजार रुपए की रिश्वत मांग कर परेशान कर रहा है। इस पर एडीजी ने परिवादी की शिकायत का सत्यापन कराया। इसके बाद आज एडिशनल एसपी बजरंग सिंह शेखावत ने ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया। बजरंग सिंह ने आरोपी इंस्पेक्टर को पीड़ित से रिश्वत की राशि के रूप में 40 हजार रुपए लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी विकास मीणा के घर और कार्यालय में भी एसीबी की अन्य टीमें सर्च कर रही हैं। परिवादी ने बताया कि आरोपी विकास कुमार मीणा पहले बांदीकुई रेलवे स्टेशन पर तैनात था। आरोपी ने बिल पास करने की एवज में पैसा मांगा। वर्तमान बांदीकुई अधिकारी से भी संपर्क किया लेकिन उन्होंने भी यही कहा कि विकास मीणा ही इन बिलों का निस्तारण कर सकते हैं। लेकिन, विकास मीणा पैसों के लिए बार-बार परेशान करने लगा तो उसकी शिकायत एसीबी में दी। विकास को भनक थी कि उसके पीछे एसीबी हो सकती है। इसलिए पैसा लेने से पहले उसने परिवादी को अलग-अलग जगहों पर रेलवे स्टेशन पर बुलाया। वह दूर से पीड़ित पर नजर रख रहा था कि कहीं परिवादी एसीबी के साथ तो नहीं है। जैसे ही उसे कन्फर्म हुआ कि एसीबी नहीं है वह परिवादी के सामने आया और पैसा लेकर जाने लगा इसी दौरान एसीबी ने उसे पकड़ लिया।

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