Rahul will pull parties like magnet to fight BJP: Moily

हैदराबाद। भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी में कांग्रेस के विचारों से मिलते-जुलते विचार रखने वाली दूसरी पार्टियों को साथ लाने की क्षमता है। पार्टी के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने आज यह बात कही। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी ने कुछ विशेषताएं अपने परदादा जवाहरलाल नेहरू और दादी इंदिरा गांधी से हासिल की हैं। कांग्रेस में “वंशवादी शासन’’ कायम रखने को लेकर की गई आलोचनाओं को खारिज करते हुए मोइली ने कहा कि अगर राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनना चाहते तो वह वर्ष 2004-2014 में यूपीए के शासन के दौरान ऐसा कर चुके होते। कर्नाटक के पूर्व मुख्मंत्री ने पीटीआई-भाषा को बताया, “राहुल अपनी विनम्रता के लिए जाने जाते हैं और लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद को आगे ले जाने की उनकी समझ के लिए अन्य पार्टियां निश्चित ही उनके साथ सहयोग करेंगी।

मोइली ने कहा, “वह (राहुल) एक चुंबक की तरह हैं जो सांप्रदायिक राजनीति में यकीन न रखने वाली पार्टियों को आकर्षित कर लेंगे। ऐसी पार्टियों में राहुल के साथ आने की स्वाभाविक प्रकृति है।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस को एकजुट करने के साथ ही, वह यह सुनिश्चित करेंगे कि समान विचार रखने वाली सभी पार्टियों के बीच एक बेहतर समझदारी हो और सांप्रदायिक तत्वों से मिलकर लड़ने की समझ बने।” पूर्व कानून मंत्री ने कहा कि राहुल बहुत सी “परीक्षाओं और समस्याओं” से गुजर चुके हैं, जहां उन्होंने शासन व्यवस्था और पार्टी को मजबूत करने का अनुभव प्राप्त किया है और वह एक “सक्रिय नेता” के तौर पर उभरे हैं। उन्होंने कहा कांग्रेस में वंशवाद नहीं है। अगर ऐसा होता तो वह कब के प्रधानमंत्री बन चुके होते। उन्होंने कहा, “वह नरेंद्र मोदी की तरह नहीं हैं जो राष्ट्रीय राजनीति में अचानक से नजर आए थे।” उन्होंने कहा, “राहुल एक लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए नेता हैं। आपने भाजपा को लोकतांत्रिक रास्ते का एक इंच भी तय करते हुए देखा है जब वह अमित शाह को पार्टी का अध्यक्ष और नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए आगे कर रहे थे? नहीं।” मोइली ने आरोप लगाया कि राहुल के उलट शाह और मोदी एक “तानशाही वातावरण” में “उभरे” हैं।

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